जया की शपथ में सबकुछ हरा-हरा
आय से अधिक संपत्ति मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट से बरी होने के बाद अन्नाद्रमुक महासचिव जयललिता ने शनिवार को पांचवीं बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। मद्रास विश्वविद्यालय शताब्दी सभागार में आयोजित एक भव्य समारोह में राज्यपाल के. रोसैया ने 67 वर्षीय जयललिता को पद और गोपनीयता
चेन्नई। आय से अधिक संपत्ति मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट से बरी होने के बाद अन्नाद्रमुक महासचिव जयललिता ने शनिवार को पांचवीं बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। मद्रास विश्वविद्यालय शताब्दी सभागार में आयोजित एक भव्य समारोह में राज्यपाल के. रोसैया ने 67 वर्षीय जयललिता को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। उन्होंने ईश्वर के नाम पर शपथ ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जया को इस मौके पर बधाई के साथ ही भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं।
जयललिता ने इस मौके पर हरे रंग का टोटका किया। शपथ लेते समय उन्होंने गहरे हरे रंग की साड़ी पहन रखी थी और उनके आसपास भी सबकुछ हरा-हरा था। समारोह के लिए मंच की सज्जा भी हरे रंग से की गई थी। उन्होंने हरे रंग की रत्न वाली अंगूठी तो पहन ही रखी थी, शपथ लेने के बाद हस्ताक्षर भी हरे रंग की कलम से किया। जयललिता की सहयोगी शशिकला भी समारोह में हरे रंग की साड़ी पहनकर आई थीं। जया के करीबी बताते हैं कि वह ज्योतिष में काफी विश्वास करती हैं। उन्होंने शपथ लेने के लिए शनिवार का दिन चुना, क्योंकि इसे वह अपने लिए शुभ मानती हैं।
जयललिता के साथ 28 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण की। मंत्रियों को 14-14 के समूह में शपथ दिलाई गई। पूरा शपथ ग्रहण समारोह 30 मिनट से भी कम समय में संपन्न हो गया। शपथ ग्रहण समारोह में प्रसिद्ध अभिनेता रजनीकांत और संगीतकार इलैयाराजा सहित कई जानी-मानी हस्तियों ने शिरकत की। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री पी. राधाकृष्णन और भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारी एच. राजा समेत पार्टी के कई नेता मौजूद थे।
राज्यभर में जश्न का माहौल
जया की सत्ता में वापसी के मौके पर राज्यभर में उनके समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया। लगभग आठ महीने पहले उनको भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण सत्ता छोडऩे के लिए बाध्य होना पड़ा था। मद्रास विश्वविद्यालय शताब्दी सभागार जाने के रास्ते में दोनों ओर खड़े पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने जयललिता का अभिवादन किया।
पन्नीरसेल्वम फिर नंबर-दो
जयललिता के विश्वासपात्र ओ. पन्नीरसेलवम एक बार फिर नंबर-दो की हैसियत में होंगे। जयललिता की पिछली सरकार में भी उन्हें मुख्यमंत्री के बाद सबसे महत्वपूर्ण मंत्री माना जाता था। बताते चलें कि जयललिता को दोषी ठहराए जाने के दो दिन बाद पन्नीरसेल्वम ने पिछले साल 29 सितंबर को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इससे पहले वर्ष 2001 में लगभग इसी तरह की परिस्थितियों में उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया था, जब तांसी मामले में दोषी ठहराए जाने पर जयललिता को इस्तीफा देना पड़ा था। उस बार वे छह महीने के लिए सीएम रहे थे।
राष्ट्रगान का संक्षिप्त संस्करण
शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रगान का संक्षिप्त संस्करण बजाने से वहां मौजूद लोगों को काफी हैरानी हुई। हालांकि, राष्ट्रगान संबंधी संहिता में कहा गया है कि विशेष अवसरों पर इसका संक्षिप्त प्रारूप बजाया जा सकता है। संपूर्ण राष्ट्रगान की अवधि जहां 52 सेकंड की है, वहीं संक्षिप्त संस्करण की अवधि 20 सेकंड की निर्धारित की गई है। उल्लेखनीय है कि जया के शपथ से पहले राष्ट्रगान की सिर्फ पहली और आखिरी पंक्ति बजाई गई। इसके बाद तमिलनाडु का राज्यगान बजाया गया। फिर मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों के शपथ ग्रहण का दौर चला। और आखिर में संपूर्ण राष्ट्रगान बजाया गया।
जयललिता का राजनीतिक करियर
एआईएडीएमके के संस्थापक नेता एमजीआर की सहयोगी जयललिता 1980 की शुरुआत में पार्टी की प्रचार सचिव नियुक्त की गई थीं। 1984 में पार्टी ने उन्हें राज्यसभा सांसद बना दिया।
1989 में पहली बार जयललिता तमिलनाडु विधानसभा की सदस्य बनीं। दो साल बाद 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद हुए चुनावों में उन्होंने व्यापक जीत दर्ज की और पहली बार राज्य की मुख्यमंत्री बनीं।
1996 में भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच उनकी सरकार सत्ता से बाहर हो गई। हालांकि 2001 में वह एक बार फिर सत्ता में वापस लौटीं।
जयललिता ने 2011 में एक बार फिर एआईएडीएमके को जबरदस्त जीत दिलाई। इस बार उन्होंने कई लोकलुभावन योजनाओं की घोषणा की जिसके कारण वह तमिलनाडु में काफी लोकप्रिय हुईं।