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चीन मीडिया का दावा, NSA डोभाल के दौरे से भी नहीं सुलझेगा विवाद

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के एक लेख में लिखा है कि चीन और भारत के बीच चल रहे डोकलाम विवाद के पीछे एनएसए अजीत डोभाल हैं।

By Mohit TanwarEdited By: Published: Tue, 25 Jul 2017 09:36 AM (IST)Updated: Tue, 25 Jul 2017 11:33 AM (IST)
चीन मीडिया का दावा, NSA डोभाल के दौरे से भी नहीं सुलझेगा विवाद
चीन मीडिया का दावा, NSA डोभाल के दौरे से भी नहीं सुलझेगा विवाद

बीजिंग। डोकलाम को लेकर भारत-चीन विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी बीच चीनी सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पर निशाना साधा है। उन्होंने डोकलाम विवाद के लिए अजीत डोभाल को जिम्मेदार ठहराया है।

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बता दें कि  चीनी मीडिया ने ऐसे समय में अजीत डोभाल पर निशाना साधा है, जब वे ब्रिक्स की बैठक में हिस्सा लेने बिजिंग जा रहे हैं। माना जा रहा है कि यहां डोभाल की चीन के एनएसए से मुलाकात हो सकती है। ब्रिक्स के सदस्य देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार 27 व 28 जुलाई को बैठक करने जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू-कांग ने कहा कि वह इस बात की पुष्टि नहीं कर रहे हैं, लेकिन ब्रिक्स की पिछली बैठकों के दौरान द्विपक्षीय वार्ता हो चुकी है। हालांकि जब उनसे पूछा गया कि क्या ब्रिक्स की बैठक के दौरान डोकलाम की विवाद पर चर्चा होगी तब उनका कहना था कि भारत ने गलत तरीके से चीन की सीमा को लांघा है। किसी भी तरह की वार्ता के लिए जरूरी है कि पहले भारत अपनी सेना को पीछे हटाए।

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के एक लेख में लिखा है कि चीन और भारत के बीच चल रहे डोकलाम विवाद के पीछे एनएसए अजीत डोभाल हैं। साथ ही लेख में लिखा है कि भारतीय मीडिया इस तरह का माहौल बना रहा है कि जैसे उनकी यात्रा से सब ठीक हो जाएगा। ग्लोबल टाइम्स के लेख में लिखा है कि अगर भारत ऐसा सोचता है कि अजीत डोभाल की यात्रा से बीजिंग मान जाएगा तो यह बिल्कुल गलत है।

लेख में लिखा है कि सीमा विवाद सुलझाने के लिए डोभाल की यात्रा का समय ठीक नहीं है और ना ही इसमें भारत की इच्छानुसार कुछ होगा। लेख में डोभाल पर निशाना साधते हुए कहा गया है कि डोकलाम विवाद के पीछे अजीत डोभाल का ही दिमाग है।

सोमवार को चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि चीनी एनएसए और अजीत डोभाल में बातचीत हो सकती है, लेकिन साथ ही उन्होंने डोकलाम मुद्दे पर कोई सकारात्मक बात होने की आशंका जताई थी।

गौरतलब है कि इससे पहले चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने भारत को मुगालते में न रहने की चेतावनी दी थी। चीनी सेना की 90 वीं वर्षगांठ पर उनका कहना था कि अपने देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए चीनी सेना किसी भी हद तक जा सकती है। भारत केवल भाग्य भरोसे न बैठे। जरूरत पड़ी तो चीन की सेना किसी भी हद को पार करने से गुरेज नहीं करेगी। उनके लिए अपने देश का हित सर्वोपरि है। चीन से चल रहे विवाद पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का कहना है कि पड़ोसी देश अनाधिकृत तरीके से भारत की सीमा में घुस रहा है।

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