अगस्ता वेस्टलैंड स्कैमः एंटनी बोले-कार्रवाई करो, धमकी मत दो
एंटनी ने सत्ता पक्ष से साफ कहा कि संदेह पैदा करने से कामयाबी नहीं मिलेगी। अगर सरकार के पास सभी साक्ष्य हें तो कड़ी कार्रवाई करे और धमकी न दे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगस्ता वेस्टलैंड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दावा किया था कि 'उन्हें किसी का डर नहीं है।' बुधवार को राज्यसभा में बहस हुई तो विपक्ष के कुछ दलों से थोड़ा समर्थन पाकर कांग्रेस सीना चौड़ा कर यह दिखाने की कोशिश में लगी रही कि कोताही सरकार की तरफ से हो रही है। कुछ नेताओं ने यह चुनौती दी कि सरकार जल्द से जल्द छानबीन पूरी करे। भ्रष्टाचार हुआ है इससे तो कांग्रेस नेताओं ने भी इनकार नहीं किया लेकिन उसमें उनके शीर्ष नेतृत्व का नाम घसीटा जाना उन्हें मंजूर नहीं हुआ।
इस पूरे क्रम में कांग्रेस को सपा, जदयू जैसे कुछ दलों से थोड़ी राहत मिली जब उन्होंने भी सरकार को निशाने पर लिया और दो साल में कुछ न किए जाने का आरोप मढ़ दिया। हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा के सुर में सुर मिलाया। लगभग छह घंटे की बहस में कांग्रेस की ओर से आधा दर्जन सदस्यों ने बहस में हिस्सा लिया। और हर कोई दस्तावेजों व तिथियों का हवाला देकर यह साबित करने में जुटा रहा कि भ्रष्टाचार की भनक मिलते ही कांग्रेस सरकार ने सख्ती की थी। अब सरकार की बारी है कि तेजी से इसकी पड़ताल करे और जो भी दोषी हैं उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। यह चुनौती नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद से लेकर पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी तक हर किसी ने दी। सपा और जदयू ने भी उसी लाइन पर सरकार को ही कठघरे में खड़ा कर दिया और कहा कि जब तक पूरे तथ्य न आएं और सरकार कार्रवाई के लिए तैयार न हो तो बयानबाजी न करे।
राज्य सभा में अगस्ता वेस्टलैंड मामले पर चर्चा में भाग लेते हुए पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राजग सरकार ने ही वीवीआइपी पदाधिकारियों के लिए हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए मानकों में बदलाव किया था। उन्होंने सत्ता पक्ष से साफ कहा कि संदेह पैदा करने से कामयाबी नहीं मिलेगी। उन्होंने कि अगर सरकार के पास सभी साक्ष्य हें तो कड़ी कार्रवाई करे और धमकी न दे।
कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ने संप्रग सरकार का बचाव करते हुए कहा कि राजग सरकार दोहरे मानदंड अपना रही है। उन्होंने कहा कि हवाला मामले में अरुण जेटली ने कहा था कि किसी व्यक्ति के नाम के इनीशियल्स की साक्ष्य के रूप में कोई वैल्यू नहीं है जबकि इस मामले में इनीशियल्स को लेकर ही विपक्षी पार्टी पर निशाना साधा जा रहा है। अगस्ता वेस्टलैंड मामले में सीपी, वीपी और एपी जैसे इनीशियल्स को उछाल रही भाजपा को जवाब देते हुए सिंघवी ने कहा कि हवाला मामले में एलकेए का जिक्र आया था लेकिन उस समय न्यायालय ने साफ कहा था कि इनीशियल का साक्ष्य के रूप में कोई महत्व नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम पत्राचार में इसलिए आया है क्योंकि वह उन वीवीआइपी में शामिल हैं जिन्हें इन हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल करना था। सिंघवी ने कहा कि अगस्ता मामले में हम इटली की अदालत के निर्णय के भरोसे हैं। इस निर्णय का अभी तक आधिकारिक अनुवाद भी नहीं आया है।
सिंघवी ने कहा कि आरोपी कंपनी के खिलाफ प्रतिबंध की कार्रवाई पिछली सरकार के दौरान ही शुरू हुई थी। प्रक्रिया लंबी होने की वजह से यह मौजूदा सरकार के गठन के तुरंत बाद पूरी हो सकी। लेकिन सरकार ने खास तौर पर एटर्नी जनरल से सलाह ले कर इस प्रतिबंध से इतने अपवाद निकाल लिए कि कंपनी पर प्रतिबंध का कोई खास मतलब नहीं रह गया। जो अपवाद निकाले गए, उनमें यह भी शामिल है कि उस समूह की दूसरी कंपनियों पर यह लागू नहीं होगा। इसी तरह अगर वह किसी सौदे में सब कांट्रेक्टर है तो भी कोई आपत्ति नहीं होगी।
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