आगरा: छेड़खानी पीड़िता की मां ने थानेदार को चप्पलों से पीटा
एक सप्ताह पुराने छेड़खानी और दुष्कर्म की कोशिश के मामले में पीड़ित के परिजनों और पुलिस के बीच संघर्ष का मामला सामने आया है। सोमवार को थाने पहुंची पीड़िता की मां ने थाना प्रभारी पर चप्पलों से हमला कर दिया। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में काफी लचर कार्रवाई की है। इसके साथ ही आरोप है कि थाना प्रभारी ने पहले पीड़िता के भाई को पीटा था। आला अधिकारियों ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं।
आगरा। एक सप्ताह पुराने छेड़खानी और दुष्कर्म की कोशिश के मामले में पीड़ित के परिजनों और पुलिस के बीच संघर्ष का मामला सामने आया है। सोमवार को थाने पहुंची पीड़िता की मां ने थाना प्रभारी पर चप्पलों से हमला कर दिया। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में काफी लचर कार्रवाई की है। इसके साथ ही आरोप है कि थाना प्रभारी ने पहले पीड़िता के भाई को पीटा था। आला अधिकारियों ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं।
मामले की जड़ में एक सप्ताह पहले हुई दुष्कर्म की कोशिश की घटना है। बसई जगनेर के गढी मोहन में एक 16 वर्षीय किशोरी के घर में पिछले सोमवार को उसके गांव में रहने वाला कम्मोद घुस गया था। युवक ने घर में घुसकर उसके साथ दुराचार की कोशिश की थी। इस मामले में पीड़िता के पिता ने मुकदमा दर्ज करा दिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करना तो दूर पीड़िता का मेडिकल तक नहीं कराया। तीन दिन तक आरोपी का पिता पीड़िता के परिवार पर समझौते को दबाव बनाता रहा। समझौता न करने पर उसने पीड़िता की 15 वर्षीय चचेरी बहन को गांव के बाहर पकड़ लिया। एक अन्य साथी के साथ मिलकर कथित तौर पर दुष्कर्म की कोशिश की। मगर, उसने चीख पुकार मचाकर अपनी इज्जत बचा ली। इस मामले में भी मुकदमा दर्ज करा दिया गया। पीड़ित परिवार का आरोप है कि दो-दो मुकदमे दर्ज होने के बाद भी पुलिस ने कार्रवाई में लापरवाही की। रविवार को आरोपी पिता-पुत्र गिरफ्तार कर लिए गए। इसके बाद एसओ के बुलाने पर सोमवार को सुबह नौ बजे पीड़िता को लेकर उसकी मां, भाई और चचेरा भाई थाने पर पहुंचे। भाई ने एसओ सुभाष चंद्र सरोज से कहा कि साहब हम आ गए हैं, क्या करना है। आरोप है कि बस इसी बात पर एसओ उस पर भड़क गया और उसकी पिटाई कर दी। थाने में बेटे को पिटते देखकर पीड़िता की मां को गुस्सा आ गया। उन्होंने पहले एसओ को धक्का दिया। इसके बाद भी पिटाई बंद न करने पर उन्होंने एसओ की चप्पल से पिटाई कर दी। एसओ को पिटते देखकर थाने के पुलिसकर्मी ऑफिस में जुट गए। मगर, थाने में महिला पुलिसकर्मी न होने के कारण पीडिता की मां से हाथ लगाने की किसी की हिम्ममत नहीं हुई।
कुछ ही देर में मामला अधिकारियों तक पहुंच गया। इसके बाद डीआइजी लक्ष्मी सिंह के निर्देश पर एसपी पश्चिम बबिता साहू थाने पहुंची। डीआइजी का कहना है कि एसओ के प्रति महिलाओं के आक्रोशित होने के कारणों की जांच कराई जा रही है।
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