अग्नि-5 का परीक्षण आज
मिसाइल प्रौद्योगिकी और सैन्य प्रतिरोधक क्षमता हासिल करने के लिए लंबी छलाग लगाते हुए बुधवार को भारत ने अपनी 5000 किमी मारक क्षमता वाली अंतर महाद्वीपीय बेलेस्टिक मिसाइल [आईसीबीएम] का परीक्षण करने की पूरी तैयारी कर ली है।
नई दिल्ली। मिसाइल प्रौद्योगिकी और सैन्य प्रतिरोधक क्षमता हासिल करने के लिए लंबी छलांग लगाते हुए बुधवार को भारत ने अपनी 5000 किमी मारक क्षमता वाली अंतर महाद्वीपीय बेलेस्टिक मिसाइल [आईसीबीएम] का परीक्षण करने की पूरी तैयारी कर ली है।
यह परीक्षण कल ओड़िशा तट के पास व्हीलर द्वीप स्थित परीक्षण स्थल से किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि मिसाइल के पहले परीक्षण के लिए तैयारियां अंतिम दौर में हैं।
रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन [डीआरडीओ] प्रमुख वीके सारस्वत ने हाल में कहा था कि परीक्षण के लिए मिसाइल का एकीकरण विभिन्न केंद्रों में किया जा रहा है। परीक्षण के दौरान विभिन्न सैन्य और अन्य एजेंसियों के वे अधिकारी मौजूद रहेंगे, जिन्होंने इसके विकास में भूमिका निभाई है। दुनिया में अभी तक केवल अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन के पास आईसीबीएम को संचालित करने की क्षमता है।
डीआरडीओ की अगले एक वर्ष में इस मिसाइल के और परीक्षण करने की योजना है। ये परीक्षण पिछले परीक्षणों में हासिल किए गए मानकों के अध्ययन और विश्लेषण के आधार पर किए जाएंगे।
अग्नि 5 को पूरी तरह से विकसित करने की समय सीमा के बारे में सारस्वत ने कहा कि परीक्षण में और एक साल लगेगा। पिछले साल नवंबर में डीआरडीओ ने भारतीय प्रतिरोधक क्षमता को नई ताकत प्रदान करते हुए 3500 किमी मारक क्षमता वाली अग्नि 4 मिसाइल का परीक्षण किया था।
अधिकारियों ने बताया कि अग्नि 5 तीन स्तरीय, पूरी तरह से ठोस ईंधन पर आधारित तथा 17 मीटर लंबी मिसाइल है जो विभिन्न तरह के उपकरणों को ले जाने में सक्षम है।
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