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सर्जिकल स्ट्राइक के बाद एक महीने तक हाई अलर्ट पर सभी राज्य

गृह मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी करते हुए देश के सभी शहरों को 30 दिनों तक हाई अलर्ट पर रहने को कहा है।

By kishor joshiEdited By: Published: Fri, 30 Sep 2016 10:42 AM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2016 07:54 PM (IST)
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद एक महीने तक हाई अलर्ट पर सभी राज्य

नई दिल्ली (पीटीआई)। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल अॉपरेशन के बाद भारत पर आतंकी खतरा बढ़ गया है। राजनाथ सिंह की अध्यक्षता मे संपन्न हुई सुरक्षा बैठक के बाद गृह मंत्रालय ने आईबी अलर्ट के बाद एडवाइजरी जारी की है। देश के सभी शहरों को 30 दिनों तक हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। इस अलर्ट में कहा गया है कि राज्यों में आने वाले सभी लोगों पर नजर रखी जाए।

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राजनाथ सिंह की अध्यक्षता मे संपन्न हुई सुरक्षा बैठक में सीमा पार कर गए सैनिक का मुद्दा छाया रहा। बैठक में जोर दिया गया कि कैसे धोखे से एलओसी पार कर गए भारतीय सैनिक को वापस भारत लाया जाए। इसके लिए कूटनीति तैयारी करने को कहा गया है। गौरतलब है कि भारतीय सेना के एक सैनिक को पाकिस्तान ने बंधक बना लिया है। गृहराज्य मंत्री हंसराज अधीर ने कहा कि हम एलओसी को पार गए जवान को सुरक्षित देश लाने के पूरे प्रयास कर रहे हैं।

सेना के मुताबिक राष्ट्रीय राइफल्स का एक सैनिक गलती से सीमा पार कर गया और इसका सर्जिकल स्ट्राइक से कोई लेना देना नहीं है। इस बारे में डीजीएमओ द्वारा पाकिस्तान को जानकारी भी दी जा चुकी है और उसे वापस भारत भेजने को कहा है। इसके साथ ही राजनाथ द्वारा सेना को अलर्ट रहने को कहा गया है और पाकिस्तान की हर गतिविधियों पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है।

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इस बैठक में खुफिया विभाग इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के चीफ, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के चीफ और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल रहे।

गौरतलब है कि देश की तीनों सेनाओं को कल ही किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का आदेश दिया गया था। सरकार अपनी ओर से ऐतियात के तौर पर कोई कमी नही छोड़ रही है। इसी रणनीति के तहत कल भारत ने पाकिस्तान से लगने वाले गुजरात, पंजाब और जम्मू कश्मीर के बार्डर एरिया के गांवों को खाली करा लिया था।

वहीं प्रधानमंत्री मोदी भी आज एलओसीसी पर पर मौजूदा स्थिति को रिव्यू करने के लिए कैबिनेट कमेटी ऑन सेक्युरिटी (सीसीएस) की मीटिंग कर सकते हैं। तनाव बढ़ने के बाद की स्थिति को संभालने पर चर्चा हो सकती है।

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45 साल में सेना के पांच बड़े ऑपरेशन

  • 2015- मणिपुर के चंदेल जिले में सेना के 18 जवानों को शहीद करने वाले उग्रवादियों को भारतीय सेना ने म्यांमार सीमा में दाखिल होकर मार गिराया।
  • 1995- पूर्वोत्तर के उग्रवादियों के कैंप नष्ट करने के लिए सेना ने म्यांमार में प्रवेश किया। यह ऑपरेशन गोल्डन बर्ड कहलाया। 40 उग्रवादियों को मार गिराया गया।
  • 1988- तख्तापलट की कोशिशें नाकाम करने के लिए मालदीव ने भारत से मदद मांगी। भारत ने सेना के 1400 कमांडो माले में उतारे। विद्रोहियों का बड़े पैमाने पर सफाया किया।
  • 1987- लिट्टे को सबक सिखाने के लिए भारत ने शांति सेना श्रीलंका भेजी। 50 हजार श्रीलंका के जाफना गए।1200 भारतीय जवान शहीद। अभियान 1990 तक चला।
  • 1971- पाकिस्तान से जंग के दौरान भारतीय सेना पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में घुसी और उसे आजाद कराया।

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