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सब कुछ होने के बावजूद भी शीला को नहीं बचा पाया बाहुबली

दिल्ली के दिल कहे जानेवाले कन्नॉट प्लेस में फेमस रीगल सिनेमा हॉल बंद होने के बाद अब इस सूची में शीला सिनेमा का नाम भी दर्ज हो गया है

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sat, 29 Apr 2017 05:06 PM (IST)Updated: Sat, 29 Apr 2017 10:00 PM (IST)
सब कुछ होने के बावजूद भी शीला को नहीं बचा पाया बाहुबली
सब कुछ होने के बावजूद भी शीला को नहीं बचा पाया बाहुबली

नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]।राजधानी दिल्ली में एक के एक बाद सिनेमा थियेटर पर ताले लगते जा रहे हैं और ऐसा लग रहा है जैसे सिंगल स्क्रीन थिएटर युग का अब अंत होने जा रहा है। बॉक्स ऑफिस में जबरदस्त धूम मचानेवाली फिल्म बाहुबली 2 भी दिल्ली के उस सिनेमा हॉल को नहीं बचा सकी जिसे 56 साल पहले बनाया गया था। दिल्ली के दिल कहे जानेवाले कन्नॉट प्लेस में फेमस रीगल सिनेमा हॉल बंद होने के बाद अब इस सूची में शीला सिनेमा का नाम भी दर्ज हो गया है, जिसे 28 अप्रैल यानि शनिवार को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया।

बाहुबली से शीला में आती नई जान

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दरअसल, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास बने शीला थियेटर लगातार वित्तीय संकट से जूझ रहा था। लेकिन, उसे अगर बाहुबली 2 स्क्रीनिंग की इजाजत दे दी जाती जिसने पहले ही दिन रिकॉर्ड तोड़ कमाई की है तो इस थियेटर को फौरी तौर पर बड़ी राहत मिलती। लेकिन, ऐसा नहीं हो पाया।

शीला सिनेमा के मालिक उदय कौशिक ने कहा, “हमने शनिवार से इसे बंद कर दिया है। हम लगातार थियेटर को नुकसान में चला रहे थे और इसे और आगे चलाना हमारे लिए नामुमकिन सा होता जा रहा था।” कौशिक ने आगे बताया कि वैसे तो इसे बंद करने की हमारी पहले से तैयारी थी लेकिन अगर बाहुबली 2 को स्क्रीनिंग करने की हमें इजाजत मिल जाती तो शीला थियेटर में एक नई जान आ जाती और कुछ दिनों तक हम इसे और चला पाते।


56 साल पहले बनाया गया था शीला थियेटर

मध्य दिल्ली के पहाड़गंज इलाके में शीला थियेटर को साल 1961 के जनवरी में बनाया गया था। लेकिन, शीला थियेटर उन 65 थियेटरों में शामिल रहा जिन्हें बाहुबली 2 को स्क्रीनिंग करने की इजाजत नहीं दी गई।

कौशिक ने बताया, इस फिल्म की स्क्रीनिंग करने के बाद हमारी अच्छी कमाई हो जाती। लेकिन, यही एक मुख्य कारण नहीं है। सच में यह एक बड़ा सवाल था कि हम इसे कब बंद करते। शीला थियेटर में सबसे आखिर में हॉलीवुड की हिट फिल्म “द फेट ऑफ दे फ्यूरियस” चली थी।

पिछले महीने यानि 30 मार्च को रीगल को बंद किया गया था। उसके ठीक एक महीने बाद शीला थियेटर को बंद किया गया है। लेकिन, शीला को रीगल के विपरीत बिल्कुल शांत तरीके से बंद कर दिया गया। जबकि, रीगल के बंद होने से पहले आखिरी दिन राजकपूर की फिल्में- ‘मेरा नाम जोकर’ और ‘संगम’ की हाउसफुल स्क्रीनिंग की गई थी। कौशिक ने कहा कि वह शीला को मल्टीप्लेक्स में बदलने की पहले से ही सोच रहे थे।

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