सोशल मीडिया पर पाक को लेकर तरह-तरह की टिप्पणियां
पत्रकार राहुल कंवल ने एक चित्र पोस्ट किया जिसमें पाकिस्तान में कॅरियर अवसरों के बारे में जानकारी देती सूचनाओं के साथ नवाज शरीफ का चित्र है।
जेएनएन, नई दिल्ली। लोग सर्जिकल स्ट्राइक के अगले दिन शुक्रवार को भी सेना के शौर्य और देश के राजनीतिक नेतृत्व के निर्णय लेने की क्षमता की प्रशंसा करते हुए सोशल मीडिया पर सक्रिय रहे। इसमें पाकिस्तान को लेकर मजेदार टिप्पणियां भी होती ही रहीं।
प्रख्यात पार्श्वगायिका आशा भोंसले ने एकदम भिन्न तरीके से पाकिस्तान की आलोचना की। उन्होंने ट्वीट किया कि 'मैंने सिर्फ भौंकने वाला कुत्ता लिखा। मैंने पाकिस्तानी तो नहीं लिखा। तब फिर पाकिस्तानी दुखी क्यों हैं? भौंक तो कोई भी सकता है।'
पत्रकार राहुल कंवल ने एक चित्र पोस्ट किया जिसमें पाकिस्तान में कॅरियर अवसरों के बारे में जानकारी देती सूचनाओं के साथ नवाज शरीफ का चित्र है। इसमें बताया गया है: जेईई: मतलब, जेहादी प्रवेश परीक्षा, आइआइटी: मतलब, इस्लामी आतंकवादी इंस्टीट्यूट, गेट: मतलब, जेनरल एप्टीट्यूड इन टेरर एंड एक्सट्रीमिज्म।
असीम बाजवा का मजाक उड़ा:
फेसबुक पर पाकिस्तानी जनरल असीम बाजवा का भी खूब मजाक उड़ा। उनके पेज के स्क्रीन शॉट लगाकर केरल के लोगों ने खूब कमेंट किए। एक ने यह तक लिखा कि 'जनरल, क्या तुमने मलयालियों के बारे में सुना है? अगर तुम मोदी या भारतीय सेना के बारे में भूल भी जाओ तो मलयालियों को नहीं भुला पाओगे। अगर कोई संदेह हो तो जाओ और शारापाओ से पूछो।' दरअसल, टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोआ ने एकबार कह दिया था कि वह सचिन तेंदुलकर को नहीं जानतीं तो उन्हें केरल के लोगों का सोशल मीडिया पर गुस्सा झेलना पड़ा था।
हमें पुरानी महारत:
गुरुवार रात से ही एक मैसेज खूब चल रहा है और सोशल एक्टिविस्ट और लेखिका ने इसे व्हाट्सएप का हवाला देते हुए शुक्रवार को ट्वीट भी किया। इसमें कहा गया है कि सर्जिकल स्ट्राइक की तो भारत वालों को महारत हासिल रही है और इसका इतिहास युगों पुराना है, हालांकि हम इसका इस्तेमाल कम ही करते हैं। हनुमान इनमें पहले हैं जिन्होंने लंका पर सर्जिकल स्ट्राइक किया था।
गलत फायदा पर लोग सतर्क भी:
लोग सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर गलत फायदा उठाने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति की कड़ी आलोचना करने से भी नहीं हिचक रहे। दिल्ली की एक कंपनी ने अपने यहां खाने पर एक खास कोड बताने पर 20 प्रतिशत छूट की घोषणा की तो लोग टूट पड़े। उनका कहना था कि सेना की किसी कार्रवाई का इस तरह व्यावसायिक इस्तेमाल उचित नहीं है।
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