बच्ची को गर्भ से निकाला, ऑपरेशन किया, फिर गर्भ में डाल दिया
डॉक्टरों ने गर्भ से शिशु को निकाला और 20 मिनट में ऑपरेशन पूरा किया और वापस उसे गर्भ में डाल दिया गया।
जेएनएन, नई दिल्ली: यह किस्सा है तो अमेरिका में टेक्सास का लेकिन इससे समझ में आता है कि मेडिकल साइंस किसी की जान बचाने के लिए कितने तरह की जतन करता है।
मारग्रेट बीमर नाम की महिला गर्भवती हुई और समय-समय पर उसकी जांच हो रही थी। 23वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड में पता चला कि गर्भ में पल रही बच्ची की रीढ़ की आखिरी हड्डी में एक ट्यूमर है। टेक्सास चिल्ड्रेन्स फीटल सेंटर के डॉक्टरों का कहना था कि करीब 70 हजार मामलों में से एक में इस तरह का ट्यूमर बन जाता है जिनका जन्म के बाद ऑपरेशन करने में दिक्कत नहीं होती। लेकिन इस बच्ची का ट्यूमर इतना बढ़ गया है कि वह दिल को प्रभावित कर रहा है।
गर्भ गिराने का फैसला भी आसान नहीं था। अंत में डॉक्टरों ने गर्भस्थ शिशु को बाहर निकालने, उसका ऑपरेशन करने और फिर उसे गर्भ में डालने का फैसला किया। मारग्रेट इसके लिए तैयार हो गई। डॉक्टरों ने गर्भ से शिशु को निकाला और 20 मिनट में ऑपरेशन पूरा किया। इस बीच बच्ची की सांसें थमने लगीं तो उसे कृत्रिम सांस दी गई। वापस उसे गर्भ में डाल दिया गया। सही समय पर अब उसका जन्म हुआ है और वह बच्ची स्वस्थ है।
ट्यूमर होने की वजह
मेडिकल भाषा में इसका नाम सैक्रोकीजील टेराटोमा है। वैज्ञानिक अब तक पता नहीं कर पाए हैं कि यह ट्यूमर बनता क्यों है। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि यह ट्यूमर बालिकाओं में अधिक होता है। शिशु मृत्यु के कई कारणों में यह भी है क्योंकि यह दिल पर असर डालता है और इसकी धड़कन ही रुक जाती है। लेकिन जन्म के बाद इसके बढ़ने पर इसका ऑपरेशन करना आसान होता है। इस बच्ची का भी जन्म के बाद दूसरा ऑपरेशन करना पड़ा क्योंकि पहली दफा में पूरा ट्यूमर नहीं हटाया जा सका था। इस बच्ची का नाम भी होप (आशा) रखा गया है।