कंसास शूटिंग: एक मां का अपनी बेटी से सवाल, तुम्हें US जाने की जिद क्यूं है
कंसास शूटिंग के बाद अमेरिका जाने वाले भारतीयों में दहशत है। अमेरिका जाने वालों को ये डर सता रहा है कि पता नहीं उन्हें सुरक्षा मिल पाएगी भी या नहीं।
नई दिल्ली(जेएनएन)। पिछले बुधवार को अमेरिका के कंसास शहर के एक बार में हुई गोलीबारी अपने पीछे कई सवाल छोड़ गई है। क्या डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने से पहले अमेरिका में नस्लीय हिंसा नहीं होती थी, या ट्रंप द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान उनके बयानों का असर अब दिख रहा है। ये ऐसे सवाल हैं जो बहस के मुद्दे हो सकते हैं,लेकिन सच ये है कि दो भारतीय इंजीनियर अमेरिका के कंसास शहर में नस्लीय हिंसा के शिकार हो गए। इस खौफनाक और दर्दनाक सच्चाई से भी बड़ा डर ये है कि वो लोग जो अमेरिका जाने की योजना बना रहे हैं उनके परिवारों में खौफ है वो नहीं चाहते हैं कि उनके बेटे, बेटी या संबंधी अब अमेरिका जाकर पढ़ाई या नौकरी करें।
'क्यूं जाना चाहती हो अमेरिका'
मुंबई की रहने वाली एक 25 वर्ष की लड़की अपने सपनों को पंख देने के लिए अमेरिका जाने की योजना बना रही है। लेकिन उसकी मां बार बार पूछती है कि तुम उस देश क्यूं जाना चाहती हो जो तुम्हें अपना नहीं मानता है। मां अपनी बेटी से सवाल करती है कि आखिर अमेरिका में ऐसा क्या है कि तुम वहां जाना चाहती हो। अपनी मां की सवाल पर वो बेटी कहती है कि न्यूयॉर्क सिटी और कंसास में फर्क है। लेकिन उस मां को यकीन नहीं हो पा रहा है, वो बार बार कहती है कि शहरों के नाम भले ही बदल गए हों, सच तो यही है कि वो अमेरिका के ही हिस्से हैं।
चीन के बाद अमेरिका में भारत के सबसे ज्यादा छात्र
2015-16 सत्र में करीब एक लाख 65 हजार छात्र अमेरिका के अलग अलग स्कूलों या कॉलेज में नामांकन कराया था। चीन के बाद भारत के सबसे ज्यादा छात्र अमेरिकी कॉलेजों में पढ़ते हैं। लेकिन नस्लीय हिंसा के चलते अमेरिका जाने वाले ज्यादातर छात्रों में डर और खौफ बैठ चुका है। एच1-बी वीजा के तहत सबसे ज्यादा भारतीय अमेरिका में काम कर रहे हैं।लेकिन एच1-बी वीजा पर ट्रंप के हालिया बयान से भारतीयों में निराशा का भाव है।
भारतीय मूल के लोगों में निराशा
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान बड़े तादाद में भारतीय मूल के लोग ट्रंप का समर्थन कर रहे थे। भारतीय समुदाय को लगता था कि ट्रंप के सत्ता में आने के बाद उनकी मुश्किलें कम होंगी। लेकिन बुधवार को कंसास में नस्लीय हिंसा के बाद भारतीय समुदाय निराश है। भारतीय मूल के लोगों को यह महसूस हो रहा है कि कहीं उनके साथ किसी तरह का धोखा तो नहीं हुआ है।
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