सांसद आदर्श ग्राम के 700 गावों का दौरा कर केन्द्र जानेगा वहां की हकीकत
सांसद आदर्श ग्राम .योजना के तहत गांव लिए गए 700 गांव का क्या है हकीकत इसका पता केन्द्र सरकार लगाकर उसका रैंकिंग करने जा रही है।
नई दिल्ली। दो वर्ष पहले जिस गांव को सांसदों ने आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया था अब जल्द ही उन्हें वह रिपोर्ट मिलने जा रही है कि आखिर उन्होंने इस गांव के विकास के लिए वाकई में कितना काम किया है। ग्रामीण विकास मंत्री पहले चरण के कार्यक्रम में इन 700 गांवों के रैंकिंग्स पर काम कर रही है।
इस रिपोर्ट कार्ड में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिए गए गांव में कौन से प्रोजेक्ट शुरू किए गए, प्रोजेक्ट पर कितना काम हुआ और उसे कितना गंभीरता से लिया गया इन सभी बातों की जानकारी होगी।मंत्रालय रैंकिंग के लिए दो चीजों पर निर्भर है: पहला- गांव का विकास योजना और दूसरा- 35 प्वाइंट्स इंपैक्ट इंडीकेटर जिसे पंचायत दर्पण कहते हैं।
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एक तरफ जहां गांव का विकास योजना गांव को आदर्श गांव बनाने के लिए सांसद की तरफ से की गई पहल का सारा ब्यौरा देगी तो वहीं पंचायत दर्पण से ये साफ हो जाएगा कि वाकई में वहां पर गुणवत्तात्मक के लिहाज से कितना काम हुआ है जैसे- बिजली, पानी की सप्लाई और साफ-सफाई आदि। इसके बाद अधिकारियों की तरफ से इन गांवों का दौरा कर रैंकिंग्स पर चर्चा की जाएगी और 20 टॉप गांव छांटे जाएंगे।
इकॉनोमिक टाइम्स के मुताबिक, एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि जिन 700 गांवों को सांसद ने आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया गया था उसमें कुछ गांवों में बेहतर काम हुआ है। ऐसा देखा गया है कि कई मामलों में जमीनी स्तर पर गांव के विकास में अच्छा काम हुआ है लेकिन प्रोजेक्ट इंचार्ज ने ठीक तरीके से उनका डाटा नहीं लिया। इसलिए वह गांव रैंकिंग में ठीक तरीके से नहीं आ पाया है। इसीलिए हम उस गांवों का दौरा करने जा रहे हैं जिसे सांसद ने गोद लिया है ताकि वहां की सही सही तस्वीर सामने आ सके।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गांव के विकास को ध्यान में रखते हुए 11 अक्टूबर 2014 को सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरूआत की थी जिसमें सभी सांसदों से अपने संसदीय क्षेत्र का एक गांव गोद लेकर उसे 2016 तक आदर्श गांव बनाने को कहा गया था जबकि दूसरा गांव 2019 तक आदर्श गांव बनाना है।