महाराष्ट्र-उड़ीसा का हाल देख दिल्ली को लेकर बढ़ी कांग्रेस की चिंता
निगम चुनावों के जरिए पार्टी के हालात सुधारने के लिए कांग्रेस नेतृत्व ने सारा दारोमदार प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन पर छोड़ा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। महाराष्ट्र-मुंबई के नगर निकाय और उड़ीसा के पंचायत चुनावों में पार्टी की खस्ताहाली से परेशान कांग्रेस हाईकमान को अभी से दिल्ली नगर निगम के चुनाव की चिंता सताने लगी है। इन चुनावी झटकों के बाद राजधानी के निगम चुनावों की सियासी अहमियत को देखते हुए पार्टी नेतृत्व ने एमसीडी चुनावों को ज्यादा गंभीरता से लेने का साफ संकेत दिया है। इस लिहाज से दिल्ली एमसीडी में टिकट बंटवारे में विशेष सतर्कता बरती जाएगी वहीं आम आदमी पार्टी की सरकार पर भी कांग्रेस का सियासी प्रहार तेज होगा।
निगम चुनावों के जरिए पार्टी के हालात सुधारने के लिए कांग्रेस नेतृत्व ने सारा दारोमदार प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन पर छोड़ा है। भले ही दिल्ली के तीनों नगर निगमों में भाजपा पिछले 10 साल से सत्ता में है मगर इस बार कांग्रेस के लिए भाजपा से बड़ी चुनौती आम आदमी पार्टी की है। क्योंकि 2013 और 2015 में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों से साफ है कि भाजपा का अपना आधार वोट बैंक कायम है, जबकि कांग्रेस के अधिकांश वोट पर आप कब्जा कर चुकी है।
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ऐसे में पार्टी का साफ मानना है कि भाजपा ही नहीं आप के खिलाफ कहीं ज्यादा मुखर प्रहार जारी रखना होगा। कांग्रेस नेतृत्व इस बात से थोड़ी राहत महसूस कर रहा है कि पिछले कुछ महीनों में अजय माकन ने प्रदेश संगठन को आप के खिलाफ मुख्य विरोधी के रुप में पेश करने की पूरी कोशिश की है। इसी वजह से एमसीडी में कांग्रेस का टिकट हासिल करने के लिए 12 हजार से अधिक पार्टी कार्यकर्ताओं ने आवेदन करने का उत्साह दिखाया है।
कांग्रेस की चिंता आप को लेकर इस बात से भी है कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी जहां भी अपने राजनीतिक प्रसार के लिए कदम बढ़ा रही है वहां कांग्रेस का सबसे ज्यादा नुकसान कर रही है। दिल्ली में आप के उदय से कांग्रेस के 15 साल के शासन का सूर्य अस्त हुआ तो एक साल बाद हुए दूसरे विधानसभा चुनाव में पार्टी को खाता नहीं खुलने की फजीहत से रुबरू होना पड़ा।
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पंजाब के मौजूदा हुए चुनाव में सत्ता में वापस लौटने का सपना देख रही कांग्रेस की राह में आप सबसे बड़ी सियासी चुनौती बनकर सामने आयी है। गोवा के चुनाव में भी भाजपा से सीधे मुकाबले में कांग्रेस के लिए आप तीसरे खिलाड़ी के रुप में मैदान में उतर गई। इसीलिए एमसीडी चुनाव में भाजपा पर वार के साथ आप पर तीखा प्रहार की रणनीति अपनाना कांग्रेस की सियासी जरूरत माना जा रहा है।