अफेयर को कानून की अनदेखी का नहीं चलेगा बहाना: कोर्ट
विवाहित होने के बावजूद किसी अन्य व्यक्ति से प्रेम संबंध बनाना और कानूनी जानकारी न होने की दुहाई देकर प्रेमी पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने वाली एक महिला को तीसहजारी कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। महिला ने प्रेमी पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था और कहा था
नई दिल्ली (राज्य ब्यूरो)। विवाहित होने के बावजूद किसी अन्य व्यक्ति से प्रेम संबंध बनाना और कानूनी जानकारी न होने की दुहाई देकर प्रेमी पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने वाली एक महिला को तीसहजारी कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। महिला ने प्रेमी पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था और कहा था कि उसे नहीं पता कि शादीशुदा होते हुए दूसरी शादी नहीं की जा सकती है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने इस मामले में महिला की सभी दलीलों को खारिज करते हुए आरोपी व्यक्ति विजय को बरी कर दिया है।
अदालत ने कहा कि अगर कोई वैवाहिक होने के बाद किसी अन्य व्यक्ति से संबंध बनाता है तो ऐसे मामलों में कानून की अनदेखी कोई वैध कारण नहीं माना जा सकता है। इसलिए पीड़िता के इस आरोप को स्वीकार नहीं किया जा सकता है कि आरोपी ने उससे शादी करने का वादा करके दुष्कर्म किया था। अदालत ने दो बच्चों की मां पीड़िता की उस दलील को स्वीकार नहीं किया कि उसे नहीं पता था कि शादीशुदा होने के बावजूद वह दूसरी शादी नहीं कर सकती है। ऐसे में उसकी सहमति स्वतंत्र नहीं थी। अदालत ने कहा कि कानून के अनुसार यह साफ है कि महिला हिंदू है और शादीशुदा होते हुए दूसरी शादी नहीं कर सकती है। लगभग ढ़ाई महीने में इस मामले का निपटारा करते हुए अदालत ने कहा कि ऐसे में महिला की उस दलील को स्वीकार नहीं किया जा सकता है कि आरोपी ने शादी का वादा करके उससे संबंध बनाए।
पुलिस के अनुसार चार मई 2012 को प्रसाद नगर थाने में पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई थी। उसने कहा था कि आरोपी विजय कुमार ने उससे दुष्कर्म किया। वह शादीशुदा है परंतु अपने पति के साथ नहीं रहती है। आरोपी ने शादी के नाम पर उससे संबंध बनाए थे।