आदर्श घोटाला में बर्खास्त अधिकारी हुए बहाल
आदर्श घोटाला में नाम आने पर दो साल से बर्खास्त चल रहे वरिष्ठ अधिकारी जयराज पाठक और प्रदीप व्यास के दिन बदलने वाले हैं। महाराष्ट्र सरकार ने दोनों वरिष्ठ अधिकारी को बहाल कर दिया है।
मुंबई। आदर्श घोटाला में नाम आने पर दो साल से बर्खास्त चल रहे वरिष्ठ अधिकारी जयराज पाठक और प्रदीप व्यास के दिन बदलने वाले हैं। महाराष्ट्र सरकार ने दोनों वरिष्ठ अधिकारियों को बहाल कर दिया गया है।
मुख्य सचिव जे एस शहारिया ने सोमवार को बताया कि दोनों अधिकारी जयराज पाठक और प्रदीप व्यास को बहाल किया गया है। उन्होंने कहा कि इन दोनों की पोस्टिंग बाद में की जाएगी और इनके खिलाफ जांच पूर्ववत चलती रहेगी। उन्होंने सरकारी नियमावली का हवाला देते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारी का निलंबन अधिकतम दो साल के लिए होता है। मुख्य सचिव ने बताया कि आदर्श घोटाला में नाम आने पर इन दोनों के खिलाफ विभागीय जांच और आपराधिक कार्यवाही 22 मार्च को 2012 को शुरू हुई थी।
सीबीआइ को जांच में पता चला कि पाठक के पुत्र कनिष्क के पास दक्षिण दिल्ली के पॉस इलाके में एक फ्लैट है, व्यास की पत्नी सीमा जो कि स्वयं आइएएस अधिकारी है उसके नाम पर एक फ्लैट है। आदर्श घोटाले में नाम आने पर ये दोनो अधिकारी दो महीने से अधिक समय जेल में रहें थे। पाठक 1978 बैच के आइएएस अधिकारी है और 2015 में रिटायर हाने वाले हैं। पाठक निलंबन से पहले संवैधानिक बोर्ड के सचिव थे।
सचिव ने बताया कि विभाग ने इन दोनों के खिलाफ जांच शुरू की। जांच शुरू होने के बाद इन दोनों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दस दिन में जबाव मांगा गया। उन्होंने कहा कि आर्दश घोटाले की जमीन को राज्य सरकार की थी इसको उनलोगों ने साबित कर दिया था, लेकिन सीबीआइ द्वारा प्रदीप व्यास को 48 घंटा कस्टडी में रखने के कारण उनको बर्खास्त किया गया था। बर्खास्तगी के समय व्यास वित्त सचिव थे।