कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने की जरूरत: स्वामीनाथन
प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन ने कहा कि मानसून के व्यवहार पर जलवायु परिवर्तन के पड़ रहे असर के मामले में भारत को ऐसी योजनाएं बनानी चाहिए जिससे किसी भी अनिश्चतता की स्थिति से निपटा जा सके। उससे किसी
हैदराबाद। प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से खेती पर असर पड़ रहा है। लिहाजा भारत को इसका सामना करने के लिए योजनाओं पर काम करने की जरूरत है, जिससे इस तरह की अनिश्चितताओं से निपटा जा सके। बारिश का अधिकतम फायदा उठाया जा सके।
स्वामीनाथन ने कहा, 'फिलहाल अल नीनो अप्रत्याशित है। ला नीना और अल नीनो में एक बारिश बढ़ाती है और दूसरी कम करती है। जलवायु परिवर्तन पर मौसम वैज्ञानिक एकदम सटीक भविष्यवाणी करने में सक्षम नहीं हैं। यह आज की एक समस्या है।'
एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, 'एकदम सटीक दीर्घकालीन भविष्यवाणी करना मुश्किल काम बन गया है। हमें प्रत्येक अनिश्चितता के लिए तैयार रहना चाहिए। हमें अत्यधिक बारिश और सूखे के लिए भी तैयार रहना चाहिए।' उन्होंने कहा कि कृषि को मुश्किल घड़ी से बचाने के लिए मौसम प्रबंधन रणनीतियों को अधिक वैज्ञानिक बनाया जाना चाहिए। यही नहीं दोनों स्थितियों में अच्छी बारिश का अधिकतम फायदा उठाने और असामान्य बारिश के प्रभाव को कम करने की योजना बनाई जाए। कृषि वैज्ञानिक ने नरेगा को मानसून प्रबंधन और फसल नियोजन पर केंद्रित करने पर भी जोर दिया।