रांची में छह लोगों की हत्या के आरोपी पहुंचे बानो जंगल
रांची में 6 लोगों की हत्या करने वाले पीएलएफआइ के उग्रवादियों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन जारी है।
रांची, (जागरण संवाददाता)। छह लोगों की हत्या के मामले में पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) के उग्रवादियों को दबोचने के लिए रांची, खूंटी और सिमडेगा पुलिस का संयुक्त अभियान बुधवार को भी जारी रहा। इसमें उग्रवादियों के खिलाफ अभियान चलाने का तजुर्बा रखने वाले एसटीएफ के विशेष दस्ते के अलावा सीआरपीएफ की 209 कोबरा बटालियन तथा जिला पुलिस बल के जवान शामिल हैं। हालांकि पुलिस को अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हत्या में पीएलएफआइ के जोनल कमांडर तिलकेश्वर गोप सहित 15 उग्रवादियों का दस्ता शामिल था। वे हुडिंगदाग जंगल में सोमवार की शाम वारदात को अंजाम देने के बाद जंगल के रास्ते गरसुल, कर्रा होते हुए सिमडेगा जिला स्थित बानो जंगल के बीहड़ में पहुंच गए हैं। वहां पर पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप अपने दस्ते के साथ मौजूद है।
घटना के बाद से क्षेत्र के लोग दहशत में हैं। उन्हें फिर किसी अनहोनी की आशंका है। मामले में वे कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं। मामले में तुपुदाना आउट पोस्ट प्रभारी सुजीत राय के बयान पर पीएलएफआइ के छह उग्रवादियों सहित अज्ञात 8-10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसमें राजेश गोप उर्फ तिलकेश्वर गोप, हरिहर महतो, अखिलेश गोप, वर्ना बाखला, मैना और लखन को नामजद किया गया है। इस बीच पुलिस ने छह शवों का पोस्टमार्टम रिम्स में कराया। इसके बाद सभी को उनके परिजनों को सौंप दिया गया। सभी का विसरा सुरक्षित रखा गया है।
तुपुदाना क्षेत्र की कमान लक्ष्मण को
पीएलएफआइ के तुपुदाना क्षेत्र के एरिया कमांडर रहे दिनेश साहु की पुलिस मुठभेड़ में हुई मौत के बाद इस क्षेत्र में कोई स्वयंभू एरिया कमांडर नहीं था। लेकिन सोमवार को छह लोगों की हत्या को अंजाम दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले उग्रवादी लक्ष्मण गोप उर्फ चरका को पीएलएफआइ सुप्रीमो ने तुपुदाना क्षेत्र का एरिया कमांडर बनाया है।
पीएलएफआइ के दस्ते में 300 नए कैडर
पीएलएफआइ ने अपने दस्ते में 300 नए कैडर को शामिल किया है। सभी को प्रारंभिक प्रशिक्षण के बाद अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया है। सभी को उन क्षेत्रों पर फोकस करने को कहा गया हैं जहां पर संगठन का पहले ज्यादा प्रभाव था, लेकिन पुलिस के दबाव से प्रभाव कम हो गया।