इस साल गर्मी तोड़ेगी रिकार्ड, 49 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है पारा
मौसम विभाग के अनुसार इस साल भी मानसून पूर्व बारिश की संभावना कम नजर आ रही है।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। फरवरी माह में ही मैदानी इलाकों में गर्मी ने दस्तक दे दी और पहाड़ो पर बर्फबारी हो रही है। इस साल गर्मी गत वर्षो से कहीं ज्यादा पड़ेगी। पिछले सभी रिकार्ड टूटने की संभावना है। इसके पीछे की वजह ग्लोबल वार्मिग, बार-बार आ रहे पश्चिमी विक्षोभ और स्थानीय शहरी कारक जिम्मेदार हैं।
मानसून पूर्व बारिश भी कम होगी। अंतरराष्ट्रीय मौसम वेबसाइट स्काईमेट के वरिष्ठ विज्ञानी महेश पलावत बताते हैं कि गत वर्ष के अधिकतम तापमान में भी इस साल एक से दो डिग्री सेल्सियस तक का इजाफा हो सकता है। पारा 49 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है।
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मौसम विभाग के वरिष्ठ विज्ञानी डॉ. रविंद्र विशेन ने भी संभावना जताई कि इस साल गर्मी कुछ ज्यादा हो सकती है। फरवरी में इतनी अधिक गर्मी पड़ने की वजह उन्होंने भी पश्चिमी विक्षोभ को बताया। उन्होंने यह भी कहा कि अभी अधिकतम तापमान और मानसून से पहले की बारिश के बारे में कुछ कहना थोड़ी जल्दबाजी होगी।
भू उपयोग में बदलाव भी है एक वजह
आइआइटी दिल्ली की प्रोफेसर और वायुमंडलीय विज्ञान केंद्र की अध्यक्ष डॉ. मंजू मोहन कहती हैं कि दिल्ली-एनसीआर में साल दर साल गर्मी बढ़ रही है और सर्दी घट रही है। इसके लिए अर्बन हीट आइलैंड भी एक बड़ी वजह है। इसका मतलब है कि बढ़ते शहरीकरण से जुड़ी गतिविधियां। आबादी के बढ़ते दबाव में यहां हरित क्षेत्र कम होता जा रहा है, जबकि कंक्रीट का जंगल बढ़ता जा रहा है। हरित क्षेत्र कम होने से शहरों में प्रकृति का संतुलन गड़बड़ा रहा है।
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डॉ. मोहन कहती हैं एनसीआर में वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है। वाहनों से निकलने वाला धुआं भी वायु को दूषित ही नहीं करता बल्कि उसे गर्म भी करता है। दिल्ली-एनसीआर में लगातार बढ़ रही गर्मी के लिए ग्लोबल वार्मिग तो उत्तरदायी है ही, बदलता भू उपयोग (हरित क्षेत्र में निर्माण कार्य को बढ़ावा देना) भी एक बड़ी वजह है इसके अलावा वाहनों की बढ़ती संख्या और इनका धुआं भी हवा को गर्मी प्रदान कर रहा है। डीजल से चलने वाले जनरेटर और एयर कंडीशनर से निकलने वाली गर्म हवा भी वातावरण में गर्मी बढ़ा रही है। हमे हरित क्षेत्र को बढ़ावा देने के साथ ही बिल्डिंग निर्माण पर अंकुश लगाना होगा।
सर्दी में टूटा गर्मी का रिकार्ड, 32 डिग्री पहुंचा पारा
सोमवार को पश्चिमी हवा ने ऐसा कहर बरपाया कि फरवरी में मई का एहसास हुआ। अधिकतम तापमान 32.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जोकि सामान्य से 8 डिग्री सेल्सियस अधिक था। पिछले पांच साल में फरवरी में कभी इतना पारा नहीं गया।
सोमवार को धूप में तपन इतनी तेज थी कि ट्रैफिक सिग्नल पर खड़े लोग पसीने से तर-बतर हो गए। अधिकतम तापमान तो बढ़ा ही न्यूनतम पारा भी सामान्य से 5 डिग्री सेल्सियस अधिक (16.4) दर्ज किया गया। नमी का स्तर अधिकतम 96 और न्यूनतम 36 फीसद रहा।
मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार से पारा कुछ नीचे आएगा। अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया जाएगा। इसके बाद अगले पांच-छह दिन तक 28-29 डिग्री तक के आसपास ही पारा रहेगा।
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20 फरवरी का तापमान (डिग्री सेल्सियस में)
वर्ष- अधिकतम- न्यूनतम
2016- 30- 20
2015- 29- 19
2014- 23- 8
2013- 22- 10
2012- 25- 11