आरुषि मर्डरः जेल डायरी में डॉ. तलवार का खुलासा, जेल में VIP के सामने होती थी परेड
अपनी 13 वर्षीय बेटी आरुषि की हत्या के जुर्म में गाजियाबाद के डासना जेल में बंद डॉ. राजेश तलवार व उनकी पत्नी नुपूर तलवार ने अपनी जेल डायरी में कुछ कही और अनकही बातों का जिक्र किया है। उन्होंने नवंबर 2013 से जनवरी 2014 के बीच जेल में ही डायरी
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। अपनी 13 वर्षीय बेटी आरुषि की हत्या के जुर्म में गाजियाबाद के डासना जेल में बंद डॉ. राजेश तलवार व उनकी पत्नी नुपूर तलवार ने अपनी जेल डायरी में कुछ कही और अनकही बातों का जिक्र किया है। उन्होंने नवंबर 2013 से जनवरी 2014 के बीच जेल में ही डायरी लिखी थी। डायरी में उन्होंने कुछ चौंकाने वाले खुलासा किए हैं। आखिर क्या है उनकी जेल डायरी में ---
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जेल डायरी में लिखा
- एक बार कानून मंत्री से मिलना हुआ, क्योंकि डिप्टी जेलर ने मुझे वहां बुलाया था.. ऐसा लगता है, चिड़ियाघर का कोई जानवर हूं, जिसे देखने सब आते रहते हैं.. परमिंदर अवाना (आइपीएल की टीम किंग्स इलेवन पंजाब का क्रिकेटर) तथा कुछ और लोग भी आए थे.. उन्हें मुझे से मिलवाया गया, पता नहीं क्यों..? समझ नहीं आ रहा था, क्या प्रतिक्रिया दूं ?
- काश, मैं उस रात जाग जाता.. डायरी में तलवार लिखते हैं, काश, मैं (उस रात) जाग जाता.. मैं अपनी प्यारी आरू को भी नहीं बचा पाया..। पत्रकार अविरूक सेन की नई किताब ‘आरुषि’ में डायरी की बातों को शामिल किया गया है। यह किताब आरुषि हत्याकांड मामले की पड़ताल करती लग रही है।
- 14वें जन्मदिन से कुछ ही दिन पहले आरुषि की लाश उसके बिस्तर पर पड़ी मिली थी। कुछ घंटे बाद तलवार परिवार के घर की छत पर उनके घरेलू नौकर हेमराज की लाश भी मिली। उसे तब तक मुख्य अभियुक्त समझा जा रहा था। जांचकर्ताओं का कहना था कि तलवार के घर में बाहर से कोई नहीं आया। यह काम घर के ही किसी सदस्य का है।
- उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा एक अच्छे इंसान हैं। वह भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद इसी जेल में सजा काट रहे हैं। शायद उन्हीं के कारण हम सब एक ही बैरक में हैं.. हममें से ज्यादातर को यही चिंता है कि अगर वह जमानत पर छूट गए तो हमारा क्या होगा..?
- मैंने कई बार आगरा जेल भेजे जाने को लेकर (इसका प्रस्ताव था) चिंता जताई। हमें डर था कि जो अधिकारी हमको व नुपूर के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं, वे अपना गुस्सा निकालेंगे। उन्होंने लिखा, ‘जेल का बदला जाना ‘हमें खत्म कर देगा।’
- हत्याकांड की जांच करने वाली सीबीआइ ने दिसंबर 2010 में कोर्ट में कहा था कि उन्हें तलवार दंपती के खिलाफ कोई सुबूत नहीं मिला, लेकिन जज ने मामला खारिज करने की अनुमति नहीं दी। बाद में उन्हें दोषी करार दिया गया।
क्या है मामला
16 मई 2008 को आरुषि की हत्या के बाद उसके पिता राजेश तलवार 23 मई 2008 को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस हाईप्रोफाइल केस ने पुलिस को छका कर रख दिया। पुलिस बार-बार अपने बयान बदलती रही और केस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रहा था। इसके बाद 31 मई 2008 को केस सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया. जून में राजेश तलवार के अपनी 13 वर्षीया बेटी आरुषि की हत्या के मामले में डॉ. राजेश तलवार पत्नी नुपूर तलवार सहित दोषी करार दिए गए हैं। 25 नवंबर 2013 से वह उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद की डासना जेल में बंद हैं।