पंजाब में अलग चुनावी तैयारी में जुटे ‘आप’ सांसद धर्मवीर गांधी
दिल्ली के बाद पंजाब में चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी आम आदमी पार्टी (आप) को यहां इसके बागियों से बड़ी चुनौती मिल सकती है। चार सांसदों वाली इस पार्टी के दो सांसदों ने रविवार को असंतुष्ट कार्यकर्ताओं का सम्मेलन कर एक नए संगठन का गठन किया है। अब ये
नई दिल्ली। दिल्ली के बाद पंजाब में चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी आम आदमी पार्टी (आप) को यहां इसके बागियों से बड़ी चुनौती मिल सकती है। चार सांसदों वाली इस पार्टी के दो सांसदों ने रविवार को असंतुष्ट कार्यकर्ताओं का सम्मेलन कर एक नए संगठन का गठन किया है। अब ये राज्य में अधिकांश सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। साथ ही ये पार्टी से निकाले गए संस्थापक सदस्य प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव से भी संपर्क में हैं। जालंधर में रविवार को ‘आप’ के असंतुष्ट कार्यकर्ताओं की बैठक में पार्टी से निलंबित पटियाला के सांसद धर्मवीर गांधी और फतेहगढ़ साहिब के हरिंदर सिंह खालसा भी शामिल हुए।
बैठक के बाद गांधी ने ‘दैनिक जागरण’ को कहा, ‘पार्टी जिस तरह अपने सिद्धांतों से दूर हो गई है, उसे देखते हुए 14-15 जिलों से आए स्वयंसेवकों ने ‘आम आदमी वालंटियर फ्रंट (पंजाब)’ का गठन किया है। अब हम नशामुक्ति और शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे पंजाब के स्थानीय मुद्दों को ले कर आगे बढ़ेंगे।’ साथ ही वे अपने भविष्य की तैयारियों का संकेत देते हुए कहते हैं, ‘यह स्पष्ट हो चुका है कि आप ने अकाली-भाजपा और कांग्रेस को भी पीछे छोड़ दिया है। यहां सिर्फ उन्हीं लोगों को पसंद किया जा रहा है जो अरविंद केजरीवाल की चापलूसी करें। जबकि ऐसी राजनीति से ऊब चुकी राज्य की जनता विकल्प चाहती है।’ क्या असंतुष्ट समूह योगेंद्र यादव के ‘स्वराज अभियान’ के साथ मिल कर चुनाव लड़ेगा, इस बारे में पूछने पर वे कहते हैं कि, राजनीति में किसी संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता।
मगर चुनाव में उतरने से पहले समर्थन और ताकत का अंदाजा लगाया जा रहा है। उधर, योगेंद्र यादव के करीबी अनुपम बताते हैं कि दोनों सांसदों से संपर्क लगातार कायम है। राज्य में संगठन की ओर से पिछले महीने एक बैठक में इन दोनों को अपील भी की गई है कि वे आगे बढ़ कर राज्य को नई दिशा देने वाली राजनीति की कमान संभालें। गांधी और खालसा को पार्टी कर चुकी है निलंबित गांधी और खासला को पार्टी निलंबित कर चुकी है। पर उनका निष्कासन नहीं हुआ है। इस बारे में पूछे जाने पर गांधी कहते हैं, ‘मुझे लोगों ने पांच साल के लिए अपना प्रतिनिधि चुना है। मैं खुद से पार्टी सदस्यता से इस्तीफा दे कर संसद की सदस्यता नहीं छोड़ने वाला। अगर वे निकालते हैं तो और आजादी से काम कर सकूंगा।’
इन्हीं पेंचीदगियों की वजह से दोनों सांसदों ने अभी नए संगठन में कोई पद नहीं लिया है। रविवार की बैठक में नवगठित आम आदमी वालंटियर फ्रंट (पंजाब) की 11 सदस्यों की कार्यकारी समिति और 25 सदस्यों की राज्य समिति गठित की गई है। पंजाब चुनाव में आप और इसके बागियों पर इसलिए नजर होगी, क्योंकि लोकसभा चुनाव के दौरान इस पार्टी को चारों सीटें पंजाब से ही हासिल हुई थीं। पहली बार किस्मत आजमा रही इस पार्टी को तब राज्य में 24.7 प्रतिशत वोट मिले थे और राज्य की कुल 117 विधानसभा सीटों में यह 57 पर आगे रही थी। इसी वजह से अब पार्टी ने राज्य में जोरदार अभियान चलाया हुआ है।
‘पंजाब जोड़ो अभियान’ के तहत इसने अब तक राज्य भर में 33 रैलियां की हैं। पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के इलाके लंबी में हुई रैली में भी भारी भीड़ उमड़ी थी। इसके बाद पार्टी का उत्साह लगातार बढ़ता जा रहा है।