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योगेंद्र खेमे में जा सकते हैं दोनों आप सांसद

हरिश्चंद्र, चंडीगढ़ : आम आदमी पार्टी के चार में से दो सांसदों को पार्टी से निलंबित किए जाने के साथ ही पंजाब में आप का कुनबा बिखरने की कगार पर पहुंच गया है। बाबा बकाला में रक्खड़ पुनिया (राखी पूर्णिमा) सियासी कांफ्रेंस के अवसर पर आम आदमी पार्टी के दो

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2015 02:23 AM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2015 02:30 AM (IST)
योगेंद्र खेमे में जा सकते हैं दोनों आप सांसद

हरिश्चंद्र, चंडीगढ़ : आम आदमी पार्टी के चार में से दो सांसदों को पार्टी से निलंबित किए जाने के साथ ही पंजाब में आप का कुनबा बिखरने की कगार पर पहुंच गया है। बाबा बकाला में रक्खड़ पुनिया (राखी पूर्णिमा) सियासी कांफ्रेंस के अवसर पर आम आदमी पार्टी के दो सांसदों धर्मवीर गांधी और हरिंदर सिंह खालसा ने सीधे तौर पर जिस तरह से केंद्रीय नेतृत्व को निशाने पर लिया था, उससे साफ था कि अब दिल्ली से उन पर कार्रवाई होगी। अब दोनों के योगेंद्र-प्रशांत खेमे में जाने की पूरी संभावना है।

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पिछले साल जून में जो करिश्मा आम आदमी पार्टी ने पंजाब में दिखाया था, वह पार्टी की अंदरूनी खींचतान में अब फीका पडऩे लगा है। दिल्ली की लड़ाई अब पंजाब में भी संगठन पर भारी पड़ रही है। शनिवार को बाबा बकाला में जो हुआ और उसकी प्रतिक्रिया में जो दिल्ली से फैसला लिया गया, इसकी भूमिका करीब छह माह पहले ही बनने लगी थी।


खालसा ने वहां सीधे तौर पर मंच से यह कहा कि पार्टी में थैली कल्चर चल रहा है, जिसकी थैली बड़ी होती है, उसे शामिल कर लिया जाता है। पार्टी राह से भटक चुकी है। पार्टी नेतृत्व ने भी इस पर तुरंत कार्रवाई कर पटियाला व फतेहगढ़ साहिब के सांसदों को निलंबित कर दिया।


अब इन दोनों नेताओं के राजनीतिक भविष्य अधर में हैं। हालांकि धर्मवीर गांधी का कहना है कि वह किसी भी अन्य दल में नहीं जाएंगे और आप में ही रहेंगे। उन्होंने साथ ही कहा कि पार्टी के मिशन 2017 के लिए वह उसी तरह से प्रचार करते रहेंगे जिस तरह से अब तक करते रहे हैं।


दोनों नेता फिलहाल पत्ते नहीं खोल रहे हैं मगर इतना तय है कि इनका रुख कांग्रेस, अकाली दल या भाजपा की ओर नहीं होगा। वे अब तक इन्हीं दलों के खिलाफ प्रचार करते आए हैं। ऐसे में उनका झुकाव सूबे में मजबूत हो रहे योगेंद्र यादव-प्रशांत भूषण के मंच स्वराज-संवाद की ओर हो सकता है। वैसे भी यह दोनों सांसद वही मुद्दे उठाते रहे हैं जिसे लेकर योगेंद्र-प्रशांत की अरविंद केजरीवाल से ठनी थी। आप को 2017 के विधानसभा चुनाव के लिए अकाली-भाजपा गठजोड़ और कांग्रेस के लिए चुनौती माना जाने लगा था।


डॉ. धर्मवीर गांधी
वर्ष 2014 में लोकसभा चुनावों से पहले जनलोकपाल की आवाज देश में उठने के महज 15 दिन बाद डॉ. धर्मवीर गांधी इस आंदोलन का हिस्सा बने। लोक सभा चुनाव में पहली बार पटियाला से पूर्व सांसद परनीत कौर को 20,942 मतों से पराजित कर सांसद चुन गए।

वर्ष 1977 में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन पंजाब के महासचिव पद पर रहने वाले हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. धर्मवीर गांधी सरकारी नौकरी के दौरान उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा और लुधियाना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। गांधी ने सरकारी मेडिकल कॉलेज पटियाला के कार्डियोलॉजी विभाग में सहायक प्रोफेसर के तौर पर दस साल सेवा की। उसके बाद वह नेशनल वॉलंटरी ग्रुप के साथ जुड़ गए।

वर्ष 2001 के बाद से वह शहर में सबसे सस्ता उपचार उपलब्ध कराने के लिए निजी क्लीनिक चला रहे हैं। सांसद बनने के बाद भी वह वर्तमान में रोजाना अपने मरीजों के उपचार में समय व्यतीत करते हैैं।

हरिंदर सिंह खालसा

फतेहगढ़ साहिब लोकसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के सासंद हरिंदर सिंह खालसा राजनीति में आने से पहले भारतीय विदेश सेवा में थे और नार्वे व बैंकॉक में तैनात रहे। इससे पहले जीजीएन खालसा कालेज लुधियाना में बतौर लेक्चरर भी सेवा दे चुके हैं। वह मूल रूप से राजगुरु नगर लुधियाना के रहने वाले हैं।

1984 में आपरेशन ब्लू स्टार के के विरोध में उन्होंने सरकारी सेवा से इस्तीफा दे दिया था। वह कई साल विदेश में निर्वासित रहे। देश में पीवी नरसिम्हा की सरकार के दौरान वह स्वदेश लौट आए। अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में वह राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के अध्यक्ष भी रहे।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) में भी वह 1991 से 2003 तक पदाधिकारी रहे। 1996 में शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) से बठिंडा सीट से सांसद निर्वाचित हुए। 2014 के संसदीय चुनावों की घोषणा से पहले वह आम आदमी पार्टी में शामिल हुए और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्र्रेस के साधु सिंह धर्मसोत को 54,144 मतों से हराया।


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