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चार महीने में एक ही महिला ने जन्मे तीन बच्चे !

कुदरत का नियम यह है कि मानव भ्रूण के विकास की अपनी रफ्तार है। बच्चे के पैदा होने का वक्त भी नौ महीने मुकर्रर है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मियों ने कागजों पर चार महीने में एक महिला द्वारा तीन बच्चों को जन्म देना न सिर्फ दिखाया बल्कि

By anand rajEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2015 08:18 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2015 12:03 PM (IST)
चार महीने में एक ही महिला ने जन्मे तीन बच्चे !

बरेली (सुशील कुमार)। कुदरत का नियम यह है कि मानव भ्रूण के विकास की अपनी रफ्तार है। बच्चे के पैदा होने का वक्त भी नौ महीने मुकर्रर है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मियों ने कागजों पर चार महीने में एक महिला द्वारा तीन बच्चों को जन्म देना न सिर्फ दिखाया बल्कि महिला को जननी सुरक्षा योजना के तहत तीन चेक भी जारी कर दिए। पूरा फर्जीवाड़ा उस वक्त खुल गया जब चेक भुगतान के लिए बैंक पहुंचा।

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कैसे पैदा होते रहे बच्चे
बच्चे पैदा करने के खेल के तार वैसे तो पूरे मंडल से जुड़े हैं, मगर हालिया मामला बदायूं के ब्लाक समरेर का है। यहां के गांव मल्हा निवासी बजरंगी की पत्नी आशा देवी ने 28 फरवरी 2015 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिनावर में बच्चे को जन्म दिया। उसी दौरान इन्हें जननी सुरक्षा योजना के तहत 1400 रुपये का चेक (671296 संख्या) जारी हो गया।

स्वास्थ्य विभाग के अफसर और कर्मचारियों ने इसी महिला की दूसरी डिलीवरी चार मार्च को बदायूं महिला अस्पताल में दिखा दी। इस दफा इनके नाम 586869 संख्या से 1400 का चेक जारी हुआ। सिलसिला यहीं नहीं रुका। आशा की तीसरी डिलीवरी 20 मई को पीएचसी समरेर में दर्शाई गई है। तीसरी डिलीवरी के दौरान पुष्पा के नाम एसबीआइ के 843843 चेक संख्या से 1400 रुपये दिए गए।

ऐसे पकड़ा गया मामला
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की समरेर शाखा में पुष्पा का खाता है। पुष्पा व परिजन हाल ही में बैंक पर चेक जमा करने पहुंचे। बैंक मैनेजर साधूराम गुप्ता को पासबुक दी। उनसे खाते का बैलेंस चेक करवाया। इस दौरान पाया कि तीन बार 1400 रुपये के चेक उनके नाम जारी हुए हैं। उन्होंने इसके बारे में परिजनों से जानकारी ली, लेकिन वह जवाब नहीं दे पाए। मैनेजर ने जांच की तो पता चला फर्जीवाड़ा जननी सुरक्षा योजना का है। उन्होंने तीसरे चेक पर रोक लगाते हुए पूरे मामले की उच्चाधिकारियों को सूचना दी।

स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक डॉ. सुबोध शर्मा का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। यदि चार माह में एक महिला ने तीन बच्चों को जन्म दिया है और जननी सुरक्षा योजना का लाभ दिया है तो मामला गंभीर है, इसकी जांच कराई जाएगी।

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