नावेद ने किया खुलासा, 'आतंकी के रोने पर टल गई हमले की साजिश'
ऊधमपुर के नरसू इलाके में जिंदा पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी मुहम्मद नावेद याकूब और उसके साथी अबू ओकास को आतंकी गुट लश्कर-ए-तैयबा ने सैन्य ठिकानों और जम्मू शहर के आसपास के इलाकों में हमला करने का जिम्मा सौंपा था। 20 जुलाई को वे औद्योगिक क्षेत्र बड़ी ब्राह्मणा कस्बे में हमले
जम्मू, मुख्य संवाददाता। ऊधमपुर के नरसू इलाके में जिंदा पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी मुहम्मद नावेद याकूब और उसके साथी अबू ओकास को आतंकी गुट लश्कर-ए-तैयबा ने सैन्य ठिकानों और जम्मू शहर के आसपास के इलाकों में हमला करने का जिम्मा सौंपा था। 20 जुलाई को वे औद्योगिक क्षेत्र बड़ी ब्राह्मणा कस्बे में हमले को अंजाम देने वाले थे, लेकिन इसी बीच 19 वर्षीय अबू ओकास डर के मारे रोने लगा। उसके हाथ कांपते देख ऐन मौके पर हमले की साजिश को टालना पड़ा।
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह के रहने वाले अबू ओकास व नावेद ने चार अन्य आतंकियों के साथ जून माह में गुलमर्ग सेक्टर से कश्मीर घाटी में घुसपैठ की थी। ये दोनों आतंकी बड़ी ब्राह्मणा के बाजार में भी आए थे और यहां उन्होंने हमले से पहले रेकी भी की। इस मार्केट में सैन्य जवान अक्सर अपने परिवार के साथ खरीददारी के लिए आते हैं। यह जानकारी नावेद ने नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआइए) को पूछताछ के दौरान दी। नावेद इस समय ज्यूडीशियल रिमांड पर कोट भलवाल जेल में है।
नावेद व अबू ओकास जिस ट्रक में कश्मीर घाटी से जम्मू के बड़ी ब्राह्मणा इलाके पहुंचे थे, उसके ड्राइवर खुर्शीद अहमद ने भी एनआइए को पूछताछ के दौरान यही बयान दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक दोनों के बयान आपस में मेल खाते हैं। अबू ओकास के हमले से पीछे हटने के बाद आतंकी गुट लश्कर-ए-तैयबा के कश्मीर के डिवीजनल कमांडर अबू कासिम ने उन्हें वापस घाटी बुला लिया था। बाद में यह साजिश बनी कि जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरने वाली अमरनाथ यात्रा या सैन्य कानवाई पर हमला किया जाए। हमले से पीछे हटे आतंकी अबू ओकास के बदले मुहम्मद नोमान उर्फ मोमिन को नावेद के साथ भेजा गया। नावेद को ग्रामीणों ने जिंदा पकड़ पुलिस के हवाले कर दिया था।
दक्षिण कश्मीर के लश्कर के कमांडर अबू कासिम और एक अन्य आतंकी जरगाम उर्फ मुहम्मद भाई का अभी तक कुछ पता नहीं चला है। एनआइए ने कासिम व जरगाम पर पांच-पांच लाख रुपये इनाम घोषित कर रखा है। जरगाम नावेद के साथ घुसपैठ कर कश्मीर आया था। कश्मीर के तराल इलाके में नावेद से पूछताछ के बाद एक ठिकाने पर मारे गए छापे में मिले दो स्मार्ट फोन व जीपीएस रिकार्ड को भी साफ कर दिया गया है। इन जीपीएस के सहारे ही नावेद व उसके चार साथी घुसपैठ कर कश्मीर पहुंचे थे।