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इन उचित आहार का करेंगे सेवन तो ब्रेस्ट कैंसर का खतरा होगा कम

दूध, अंडा, मछली और साबूत अनाज के सीमित सेवन और फलों व सब्जियों के ज्यादा खाने से इस जानलेवा रोग को फैलने से रोकने में मदद मिल सकती है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 10 Feb 2018 03:18 PM (IST)Updated: Sat, 10 Feb 2018 03:19 PM (IST)
इन उचित आहार का करेंगे सेवन तो ब्रेस्ट कैंसर का खतरा होगा कम
इन उचित आहार का करेंगे सेवन तो ब्रेस्ट कैंसर का खतरा होगा कम

नई दिल्ली (जेएनएन)। वैज्ञानिकों के दल ने पाया है कि स्तन (ब्रेस्ट) कैंसर के फैलाव को रोका जा सकता है। दूध, बीफ, पॉल्ट्री, अंडा, मछली और साबूत अनाज के सीमित सेवन और फलों व सब्जियों के ज्यादा खाने से इस जानलेवा रोग को फैलने से रोकने में मदद मिल सकती है। शोध टीम में एक भारतीय वैज्ञानिक भी शामिल थे।

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शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष प्रयोगशाला में ट्रिपल निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर पीड़ित चूहों पर किए गए परीक्षण के आधार पर निकाला। उन्होंने पाया कि ऐसे खाद्य पदार्थों को सीमित कर इस रोग को शरीर के दूसरे अंगों तक फैलने से रोका जा सकता है। दूध, बीफ, अंडा, आलू आदि में एस्परैगाइन नामक एमिनो एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।

अमेरिका के सीडरसिनाई मेडिकल सेंटर के सहायक निदेशक डॉ. सीमन नॉट ने कहा, ‘हमारे अध्ययन से जाहिर होता है कि आहार इस रोग की गति को प्रभावित कर सकता है।’ वहीं सीडरसिनाई के वाइस डीन डॉ. रवि ताधनी ने कहा कि इस अध्ययन से न सिर्फ ब्रेस्ट कैंसर बल्कि कई मेटास्टेटिक कैंसरों के इलाज में भी मदद मिल सकती है।

सावधान..ब्रेस्ट कैंसर पीड़ितों को इस प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थ से हो सकता है बड़ा खतरा

स्तन कैंसर पीड़ितों के लिए ब्रेड और सोयाबीन का सेवन नुकसानदेह साबित हो सकता है। नए शोध में पाया गया है कि इस तरह के खाद्य पदार्थों में एक ऐसा कंपाउंड पाया जाता है जो इस रोग के उपचार में काम आने वाली दवाओं के असर को कम कर सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, जीनोस्ट्रोजीन्स नामक रासायनिक कंपाउंड के चलते कैंसर में इस्तेमाल होने वाले एंटीएस्ट्रोजन उपचार का प्रभाव कम हो सकता है।

अमेरिका के स्क्रिप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता गैरी सिउजदक ने कहा कि पाल्बोसिसलिब-लेट्रोजोल दवाओं का सेवन करने वाली स्तन कैंसर रोगियों को उन खाद्य पदार्थों के सेवन को सीमित करना चाहिए जिनमें जीनोस्ट्रोजीन्स पाया जाता है। इन दोनों दवाओं के संयुक्त उपचार को 2015 में मंजूरी मिली थी।

लेट्रोजोल दवा एस्ट्रोजन की उत्पत्ति को रोकने के साथ स्तन कैंसर सेल्स की वृद्धि को कम करती है। जबकि पाल्बोसिसलिब कैंसर कोशिकाओं के विभाजन को रोकने का काम करती है। 


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