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कोलकाता में पकड़े गए अाईएसअाई के तीनों संदिग्ध 14 दिन की रिमांड पर

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ से संबंध के आरोप में कोलकाता में पकड़े गए तीनों संदिग्ध अारोपियों को सोमवार को कोलकाता की एक कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने तीनों अारोपियों को 14दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2015 04:00 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2015 04:07 PM (IST)
कोलकाता में पकड़े गए अाईएसअाई के तीनों संदिग्ध 14 दिन की रिमांड पर

कोलकाता। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ से संबंध के आरोप में कोलकाता में पकड़े गए तीनों संदिग्ध अारोपियों को सोमवार को कोलकाता की एक कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने तीनों अारोपियों को 14दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।

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कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने रविवार को महानगर के पोर्ट इलाके से एक ही परिवार के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। रिश्ते में तीनों आरोपी पिता-पुत्र और साला हैं। उनके पास से पांच लाख के जाली नोट और हाथ से बने कोलकाता के दो महत्वपूर्ण स्थानों के नक्शे भी बरामद किए गए हैं।

बता दें कि शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की एसटीएफ द्वारा मेरठ कैंट से संदिग्ध आइएसआइ एजेंट इस्लामाबाद निवासी मुहम्मद एजाज उर्फ मुहम्मद कलाम गिरफ्तार किया था। उसके पास से कोलकाता का वोटर कार्ड समेत कई महत्वपूर्ण संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए थे।

पूछताछ में एजाज के कोलकाता से भी संबंध होने का खुलासा हुआ था। इसके बाद उत्तर प्रदेश एसटीएफ द्वारा जानकारी दिए जाने के बाद कोलकाता पुलिस की एसटीएफ ने बंदरगाह इलाका अंतर्गत इकबालपुर थाना क्षेत्र के डॉ. सुधीर बोस रोड अन्तर्गत रामनगर लेन से दोपहर करीब दो बजे इरशाद अंसारी (52), अशफाक अंसारी (23) और मुहम्मद जहांगीर (48) को गिरफ्तार किया। इनमें से इरशाद तृणमूल श्रमिक नेता और अशफाक गार्डनरीच स्थित हरिमोहन घोष कॉलेज में राजनीति शास्त्र का छात्र एवं तृणमूल छात्र संसद का महासचिव बताया गया है।

तलाशी में इरशाद के पास से दो लाख रुपये, अशफाक से डेढ़ लाख और जहांगीर के पास से डेढ़ लाख रुपये के जाली नोट तथा हाथ से बने गार्डनरीच शिप बिल्डर और नेताजी सुभाष डक के दो नक्शे व कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं।

पुलिस के अनुसार, बरामद दस्तावेज से साबित हो रहा है कि इरशाद गत दस वर्ष से पाकिस्तान के संपर्क में था और भारत में आइएसआइ एजेंट के रूप में काम कर रहा था। भारत में रहकर इरशाद एवं उसके साथी पाकिस्तान स्थित कराची से लगातार आधुनिक तकनीक के माध्यम से संपर्क कर भारत की खुफिया जानकारी उपलब्ध करा रहे थे। पूछताछ में पता चला है कि इरशाद पोर्ट डिवीजन के शिप बिल्डर में ठेका श्रमिक के रूप में काम करता है।

वह कई वर्ष पूर्व कराची गया था, जहां आइएसआइ ने भारत विरोधी काम करने के लिए उसे नियुक्त किया था। एसटीएफ अब इरशाद के बेटे अशफाक और साले जहांगीर की विस्तृत जानकारी हासिल करने में जुट गई है। तीनों आरोपियों को सोमवार को बैंकशाल अदालत में पेश किया जाएगा।


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