तीन साल का रिपोर्ट कार्ड बनाने में जुटे मोदी सरकार के एक दर्जन मंत्री
सूचना और प्रसारण मंत्री के तौर पर वेंकैया नायडू केंद्र सरकार के इस अभियान की कमान संभाल रहे हैं।
मुकेश केजरीवाल, नई दिल्ली। दो महीने बाद अपना तीन साल पूरा कर रही नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने की जोरदार तैयारी शुरू हो गई है। इस काम में खास तौर पर एक दर्जन केंद्रीय मंत्रियों की टीम बनाई गई है। इसमें शामिल मंत्रियों को सिर्फ अपने मंत्रालय का ही नहीं सरकार के सभी प्रमुख कामों का रिपोर्ट कार्ड बनाने के काम में 'मिशन मोड' में जुट जाने को कहा गया है।
सूचना और प्रसारण मंत्री के तौर पर वेंकैया नायडू केंद्र सरकार के इस अभियान की कमान संभाल रहे हैं। वेंकैया सहित इस टीम में शामिल 13 मंत्रियों की अब तक तीन बैठकें हो चुकी हैं। इस तैयारी के लिहाज से अपने साथी मंत्रियों को संबोधित पत्र में उन्होंने लिखा है, 'हमें ठोस रूप से पूरी कार्ययोजना तैयार कर लेनी है और तथ्य, आंकड़े, संख्या और सांख्यिकी आदि के साथ लैस रहना है ताकि हमारी सरकार की उपलब्धि का प्रचार बड़े स्तर पर कर सकें।' इसी तरह उन्होंने कहा है, 'दो साल में हमारी सरकार के तीन साल पूरे हो जाएंगे। लोगों को हमारी सरकार के बारे में राय कायम करने और अपने जीवन पर हमारी सरकार के प्रभाव के बारे में फैसला करने के लिहाज से तीन साल का समय पर्याप्त होता है।'
सरकार की मौजूदा प्राथमिकताओं के लिहाज से इस टीम में ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल को बेहद अहम जिम्मेवारी दी गई है। उन्हें जिन मुद्दों को जनता के बीच ले जाना है, उनमें भ्रष्टाचार रोधी व्यवस्था को दुरुस्त करने और नोटबंदी के रूप में इसका क्लाइमैक्स सबसे प्रमुख है। इसके अलावा उन्हें विभिन्न योजनाओं में हो रहे रिसाव को रोक कर संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिहाज से भी सरकारी कदमों की जानकारी देनी है। इसी तरह रविशंकर प्रसाद को सूचना प्रौद्योगिकी, डीबीटी (सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे खाते में भेजना) और आधार के फायदे पर ध्यान देना है।
उधर, प्रकाश जावड़ेकर, जेपी नड्डा और राधामोहन सिंह को सामाजिक क्षेत्र के लिहाज से अपने-अपने मंत्रालयों की उपलब्धि को विशेष तौर पर प्रचारित करने को कहा गया है। इन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के लिहाज से उठाए गए कदम और उनके नतीजों पर पूरी तैयारी कर जनता के बीच पहुंचने को कहा गया है। खास बात है कि कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को इस दौरान महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर ध्यान देने को कहा गया है। महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी इस टीम में शामिल नहीं हैं। मगर अनंत कुमार, राजीव प्रताप रूडी, मुख्तार अब्बास नकवी, एमजे अकबर, महेश शर्मा और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ इस टीम में सक्रियता से भाग ले रहे हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने भी अपने स्तर पर जोरदार तैयारी की है। इसमें परंपरागत साधनों के साथ ही उनकी सोशल मीडिया टीम भी लगी है।
जहां करना है बचाव
तीन साल की उपलब्धियों के बखान के लिए बनी टीम ने पांच ऐसे मुद्दों की भी पहचान की है, जिन पर सरकार को नकारात्मक चर्चा का मुकाबला करना पड़ा है। इसमें सबसे ऊपर है रोजगार पैदा नहीं कर पाने का विपक्ष का आरोप। इसके अलावा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर खतरे और बुनियादी क्षेत्रों में संतोषजनक प्रदर्शन के अभाव के आरोप पर भी सरकार का पक्ष जनता के बीच रखना है। अगले दौर के सुधार की धीमी रफ्तार और कारोबार में आसानी लाने में खास प्रगति नहीं हो पाने को ले कर लग रहे आरोपों पर भी सरकार पूरी तरह सतर्क हो गई है। इन मुद्दों पर बचाव की जिम्मेदारी खास तौर पर दो वरिष्ठ पत्रकारों स्वपन दासगुप्ता और चंदन मित्रा को दी गई है।
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