षड़यंत्र के तहत उछाला जा रहा है वाड्रा का नाम, जांच करें एजेंसियां: सोनिया
पहली बार अपने दामाद रॉबर्ड के साथ घूमते हुए उन्होंने भाजपा की ओर चौतरफा वार किया है। मोदी से शहंशाह की तरह काम करने के स्टायल लगाया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राबर्ट वाड्रा के बचाव में पहली बार खुलकर सामने आई कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भाजपा की ओर से चौतरफा वार हुआ। सोनिया ने जहां परोक्ष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 'शहंशाह' की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाया था। वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने याद दिलाया कि बड़े घर में ब्याहे जाने पर बहू 'महारानी' नहीं हो जाती हैं। तो भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने उन पर पलटवार करते हुए कहा कि 'शहंशाह की सरकार' का बोरिया बिस्तर जनता ने 2014 में बांध दिया था। अब जनता की सरकार है।
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गौरतलब है कि कथित रूप से लंदन में राबर्ट वाड्रा की बेनामी संपत्ति की खबर के बाद भाजपा सांसद किरीट सौमेया ने इसकी जांच की मांग की थी। अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली के दौरे पर गई सोनिया बचाव में उतरी थी। उन्होंने सवालों के जवाब में इसे षड़यंत्र करार दिया था। उनका कहना था कि 'कांग्रेस मुक्त भारत' नारे की दिशा में ही इस तरह के झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा- 'प्रधानमंत्री शहंशाह नहीं हैं। अगर कोई आरोप है तो निष्पक्ष जांच कराएं, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।' ध्यान रहे कि राबर्ट के बाबत अब तक उठते रहे सवालों पर अब तक प्रवक्ता या दूसरे कांग्रेस नेता ही बोलते रहे थे। पहली बार सोनिया ने प्रतिक्रिया दी है।
वैसे तो कथित रूप से वाड्रा को लंदन में बेनामी संपत्ति खरीदने में मदद करने वाले आर्म्स डीलर संजय भंडारी से संबंध को लेकर भाजपा के एक नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह का भी नाम घसीटा जाने लगा है। कांग्रेस प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आरोप लगाया कि सिद्धार्थ और भंडारी के बीच कई बार फोन पर बातें हुई हैं। सिद्धार्थ ने भी खुली जांच के लिए हमेशा तैयार रहने का जज्बा दिखाया और कहा कि भंडारी से उनका संबंध केवल सामाजिक था। इसके अलावा उनसे कोई लेना देना नहीं है। कोई भी जांच हो तो वह उसके लिए तैयार हैं। पर यह मामला केवल सच झूठ तक सीमित न रहकर गर्म राजनीतिक बयानबाजी तक पहुंच गया है।
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भाजपा की ओर से सोनिया का तत्काल जवाब आया। सामान्यतया राजनीतिक टिप्पणियों से बचने वाले संयत राधामोहन सिंह ने तंज कसते हुए कहा- 'उन्हें भी पता होना चाहिए कि बड़े घर में ब्याहे जाने से कोई महारानी नहीं होती हैं।' तो श्रीकांत ने आश्चर्य जताया कि एक खबर को लेकर कांग्रेस में इतनी बेचैनी क्यों हैं। उन्होंने कहा कि राबर्ट वाड्रा के मामले को तो कांग्रेस एक आम व्यक्ति करार देकर ठंडे बस्ते में डालती रही थी। अब सोनिया इतनी परेशान हैं कि प्रधानमंत्री को चुनौती दे रही हैं। इससे स्पष्ट होता है कि दाल में कुछ काला भी है और वाड्रा आम व्यक्ति भी नहीं हैं। श्रीकांत ने कहा कि जांच तो हर भ्रष्टाचार की होगी। इसके लिए चुनौती देने की जरूरत नहीं है और जो भी भ्रष्टाचार में लिप्त है उसे बख्शा भी नहीं जाएगा।