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रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति चुनाव जीतने से कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, जानिए कैसे?

कांग्रेस की राजनीति में लंबे समय से चल रही खींचतान का परिणाम राष्ट्रपति पद के चुनाव में साफ नजर आ गया।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Thu, 20 Jul 2017 05:48 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jul 2017 06:43 PM (IST)
रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति चुनाव जीतने से कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, जानिए कैसे?
रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति चुनाव जीतने से कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, जानिए कैसे?

जागरण ब्यूरो, अहमदाबाद। राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम के साथ ही गुजरात में कांग्रेस को तगडा झटका लगा है। पार्टी से नाराज दिग्गज नेता शंकरसिंह वाघेला के इशारे पर कांग्रेस व एनसीपी के 11 विधायकों के क्रॉस वोट करने से भाजपा जहां जश्न मना रही है वहीं कांग्रेस खेमा सकते में है। एक दर्जन कांग्रेस विधायक शक के दायरे में थे जिनमें वाघेला के पुत्र महेंद्रसिंह, राघव पटेल आदि हैं, जन्मदिन पर शुक्रवार को वाघेला शक्तिप्रदर्शन की भी तैयारी कर रहे हैं।

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गुजरात कांग्रेस की राजनीति में लंबे समय से चल रही खींचतान का परिणाम राष्ट्रपति पद के चुनाव में साफ नजर आ गया। एनसीपी व कांग्रेस के 11 विधायकों के क्रॉस वोटिंग किया जिससे एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद के प्रतयाशी रामनाथ कोविंद को 132 मत मिले, विधानसभा में भाजपा व जीपीपी के विधायकों की संख्या 121 है जबकि गुजरात में पार्टी प्रभारी अशोक गहलोत सहित कांग्रेस के विधायकों की संख्या 60 होती है लेकिन यूपीए की उममीदवार मीरा कुमार को 49 ही मत हासिल हुए।

क्रॉस वोटिंग के लिए कांग्रेस में चल रही वर्चस्व की लडाई ही जिम्मेदार है, वाघेला वोट डालने के लिए गहलोत व शक्तिसिंह गोहिल के साथ स्वर्णिम संकुल पहुंचे थे लेकिन कांग्रेस उनके इरादे को भांप नहीं पाई। वाघेला समय समय पर कांग्रेस को अपनी ताकत का अहसास कराते रहे हैं। हाल ही में कांग्रेस के सीएम प्रत्याशी पद की दावेदारी को लेकर चल रही खींचतान के बाद वाघेला ने

पार्टी आलाकमान से दो दो हाथ का खुला ऐलान कर दिया था। सबकी नजरें इस चुनाव पर टिकी थीं कि उनके इशारे पर कितने विधायक कांग्रेस से बगावत को तेयार हैं, एनसीपी के दो तथा एक निर्दलीय विधायक सहित 11 विधायकों ने भाजपा उम्मीदवार को वोट देकर खुली बगावत का संकेत दे दिया है।

खबर है कि आलाकमान ने वाघेला को दिल्ली तलब किया है, वाघेला दिल्ली के लिए रवाना भी हो गए लेकिन वे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी से नहीं मिलेंगे। पार्टी में फूट की आशंका के चलते ही प्रदेश अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी ने गत दिनों साफ किया था कि पार्टी के सभी 57 विधायकों को विधानसभा चुनाव में रिपीट किया जाएगा लेकिन वाघेला समर्थक एक दर्जन विधायकों को सोलंकी के वादे पर भरोसा नहीं है, वाघेला भी पार्टी पर लगातार दबाव बना रहे हैं कि चुनाव के 6 माह पहले ही प्रत्याशियों की घोषणा कर दी जाए लेकिन असंतोष के चलते पार्टी इस पर फैसला नहीं कर पा रही है।

गुजरात में मतों का गणित
विधानसभा में विधायकों की संख्या 182 हैं, राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक मत का मूल्य 147 है। एनडीए प्रत्याशी रामनाथ कोविंद को 132 तथा यूपीए उम्मीदवार मीरा कुमार को 49 मत मिले हैं। भाजपा के 120 व 2 जीपीपी विधायक के साथ उनकी संख्या 121 है जबकि उनको 132 विधायकों के मत मिले हैं।

गौरतलब है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली में मतदान किया था। उधर कांग्रेस के 57, एनसीपी के 2 तथा राजस्थान से विधायक अशोक गहलोत के मत के साथ उनकी संख्या 60 बैठती है जबकि मीराकुमार को 49 ही विधायकों के मत मिले।

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