दुबई की जमीन पर बरसा भारतीयों का काला धन
भ्रष्टाचार और काले धन पर जिस समय देश में आंदोलनों का दौर चरम पर था, काली कमाई करने वाले इसे छुपाने की जुगत में जुटे हुए थे। इसे छुपाया जा रहा था कर चोरों की पनाहगाह दुबई में। भारतीयों ने इस खाड़ी देश में अपने काले धन से जमकर प्रॉपर्टी खरीदी। इतनी कि पिछले सारे रिकॉर्ड टूट गए। बीते साल पहली बार दुबई में संपत्तिखरीदने वालों में भारतीय सबसे आगे निकल गए।
नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। भ्रष्टाचार और काले धन पर जिस समय देश में आंदोलनों का दौर चरम पर था, काली कमाई करने वाले इसे छुपाने की जुगत में जुटे हुए थे। इसे छुपाया जा रहा था कर चोरों की पनाहगाह दुबई में। भारतीयों ने इस खाड़ी देश में अपने काले धन से जमकर प्रॉपर्टी खरीदी। इतनी कि पिछले सारे रिकॉर्ड टूट गए। बीते साल पहली बार दुबई में संपत्तिखरीदने वालों में भारतीय सबसे आगे निकल गए।
वर्ष 2011 में भारतीयों ने दुबई में 2.1 अरब दिरहम [करीब 2,920 करोड़ रुपये] की संपत्तिखरीदी। दुबई भूमि विकास विभाग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। विभाग का कहना है कि दुबई के प्रॉपर्टी बाजार में नए निवेशकों में भारतीय सबसे आगे हैं। उन्होंने पिछले साल 927 सौदे किए। यह साल के दौरान नए निवेशकों की ओर से किए गए सौदों का 16 प्रतिशत है। यह इस बात की बानगी है कि काले धन पर सरकार की मुहिम किस हद तक कारगर साबित हो रही है।
फिलहाल, दुबई भूमि विकास विभाग ने दूसरे नंबर पर रहे नए निवेशकों की नागरिकता के बारे में तो नहीं बताया है, लेकिन कहा है कि संयुक्त अरब अमीरात [यूएई] के निवेशक तीसरे स्थान पर रहे। उन्होंने दुबई में 1.57 अरब दिरहम [करीब 2,190 करोड़ रुपये] की संपत्तिखरीदी। विभाग ने बताया है कि दुबई अचल संपत्तिबाजार में पिछले साल कुल 13.13 अरब दिरहम की नई पूंजी पहुंची है। कुल मिलाकर दुबई में अचल संपत्तिमें निवेश करने वालों में 68 प्रतिशत निवेशक समूचे एशिया क्षेत्र के रहे हैं। इनमें 20 प्रतिशत निवेशक भारतीय हैं।
पिछले साल से ही काले धन पर अंकुश लगाने की मुहिम ने जोर पकड़ा। समाजसेवी अन्ना हजारे और बाबा रामदेव की अगुआई में लाखों लोग सड़कों पर उतरे। इसके बाद सरकार हरकत में आई और काले धन पर रोक लगाने के लिए हर मुमकिन प्रयास में जुट गई।
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