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आइएस में शामिल हैं 80 देशों के आतंकी

आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) बेहद तेजी से दुनियाभर के आतंकी मानसिकता वाले लोगों को आकर्षित कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अबतक 80 से भी ज्यादा देशों से आतंकी आइएस का हिस्सा बनने के लिए सीरिया और इराक पहुंचे हैं।

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Fri, 31 Oct 2014 08:47 PM (IST)Updated: Fri, 31 Oct 2014 09:09 PM (IST)
आइएस में शामिल हैं 80 देशों के आतंकी

लंदन। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) बेहद तेजी से दुनियाभर के आतंकी मानसिकता वाले लोगों को आकर्षित कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अबतक 80 से भी ज्यादा देशों से आतंकी आइएस का हिस्सा बनने के लिए सीरिया और इराक पहुंचे हैं।

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रिपोर्ट के आधार पर ब्रिटेन के गार्जियन अखबार ने कहा कि विभिन्न देशों से करीब 15,000 लोग आइएस और अन्य आतंकी संगठनों का हिस्सा बनने के लिए सीरिया और इराक पहुंचे हैं।

सुरक्षा परिषद की इस ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि 2010 के बाद से आतंकी संगठनों में शामिल होने वाले विदेशियों की संख्या इससे पहले के बीस सालों की कुल संख्या से भी कई गुना है। इसमें कहा गया है कि फ्रांस, रूसी संघ, ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड के आतंकियों के एक साथ काम करने के संकेत मिले हैं।

ब्रिटेन पुलिस के उच्चाधिकारी बर्नार्ड होगन होव ने हाल में अनुमान लगाया था कि हर हफ्ते तकरीबन पांच ब्रिटिश आइएस का हिस्सा बनने के लिए देश छोड़ रहे हैं। सुरक्षा अधिकारियों का आकलन है कि इस वक्त पांच सौ से ज्यादा ब्रिटिश सीरिया और इराक में लड़ रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि अब अधिक देशों को युद्ध क्षेत्र से लौटकर आने वाले आतंकियों की चुनौती से निपटना होगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी समय खतरे का प्रतीक बना आतंकी संगठन अलकायदा आइएस के बढ़ते प्रभाव के कारण ही कमजोर हुआ है लेकिन वैश्विक खतरे में कोई कमी नहीं है क्योंकि दोनों ही संगठन कमोबेश एक ही विचारधारा पर चलते हैं।इनमें फर्क सिर्फ नेतृत्व का है।

दरअसल कमजोर अल कायदा ने ही ज्यादा भयानक आतंकी संगठनों के लिए रास्ता बनाया है।

हवाई हमलों में मारे गए 21 आइएस आतंकी

दमिश्क : अमेरिका की अगुवाई में सीरिया में हो रहे हवाई हमलों में शुक्रवार को आइएस के 21 आतंकी मारे गए। तुर्की की सीमा पर स्थित सीरियाई शहर कोबानी में हवाई हमलों का उद्देश्य तुर्की से कुर्द पेशमर्गा लड़ाकों के प्रवेश के लिए रास्ता बनाना भी है।

इस बीच मलेशिया में एक 25 वर्षीय महिला पर आइएस को सहायता देने का आरोप तय किया गया। स्विट्जरलैंड में भी तीन लोगों को आइएस का समर्थक होने के संदेह में गिरफ्तार किया गया है। माना जा रहा है कि ये लोग यूरोप में हमले की योजना बना रहे थे।

पढ़ें : सीरिया के हवाई हमलों में 221 की मौत, 500 घायल

प ढ़ें : आइएस का समर्थन करने वाला पोस्‍टर हटाया गया


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