नेताजी से जुड़ी गोपनीय 64 फाइलें सार्वजनिक, परिजनों को दी गई सीडी
क्या नेताजी सुभाषचंद्र बोस 1964 तक जिंदा थे? सूत्रों के मुताबिक, आज कोलकाता में सार्वजनिक होने वालीं नेताजी से जुड़ीं 64 गोपनीय फाइलों से इस राज से पर्दा उठ सकता है।अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, हो सकता है कि फरवरी 1964 में नेताजी भारत लौट आए हों।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने कहे अनुसार आज नेताजी सुभाषचंद्र बोस से जुड़ी 64 गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक कर दिया है। नेताजी से संबंधित 64 फाइलों को डिजीटल रूप देकर सीडी के माध्यम से बोस परिवार के सदस्यों और लोगों के बीच वितरित किया गया। कोलकात पुलिस संग्रहालय पर सीडी वितरण के दौरान कोलकाता के पुलिस आयुक्त सुरजीत कार पुरकायस्थ ने बताया कि सभी फाइलों को डिजीटल किया गया है, इसमें 12,744 पृष्ठ हैं। नेता जी से जुड़ी फाइलों के सार्वजनिक होने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, भगत सिंह, मौलाना आजाद और इन लोगों जैसे सभी देश के वीर नायकों के बारे में कोई भी तथ्य छिपाना नहीं चाहिए। वहीं, सुभाष चंद्र बोस के भतीजे चंद्र बोस ने कहा कि केंद्र सरकार को भी नेताजी से जुड़ी 150 फाइलों को तत्काल सार्वजनिक कर देना चाहिए।
फाइलों को देखते सुभाषचंद्र बोस के भतीजे
इन राजों से उठेगा पर्दा
क्या नेताजी सुभाषचंद्र बोस 1964 तक जिंदा थे? सूत्रों के मुताबिक, आज कोलकाता में सार्वजनिक होने वालीं नेताजी से जुड़ीं 64 गोपनीय फाइलों से इस राज से पर्दा उठ सकता है। 60 के दशक के शुरू में तैयारी की गई अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, हो सकता है कि फरवरी 1964 में नेताजी भारत लौट आए हों। यह 19 साल बाद का घटनाक्रम है, जब नेताजी को ताईवान में हुए विमान दुर्घटना में मृत मान लिया गया था।
अमेरिका और रूस तक को पता है नेता जी के साथ क्या-क्या हुआ?
बहरहाल, पश्चिम बंगाल सरकार आज ये दस्तावेज सार्वजनिक करने जा रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसका एलान पहले ही कर चुक हैं। राज्य सरकार ने इसके लिए सारी तैयारियां कर ली हैं। गोपनीय फाइलों को कोलकाता पुलिस के संग्रहालय में सार्वजनिक किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, राज्य के गृह विभाग ने मंगलवार को नेताजी से जुड़ी फाइलों को डिजिटलाइजेशन के लिए राइटर्स बिल्डिंग के पूर्वी विंग में रख दिया। यहां युद्ध स्तर पर सभी फाइलों को डिजिटल किया जा रहा है। राज्य सरकार के पास मौजूद ये वे 64 फाइलें हैं जो 1937 से 1947 के बीच की हैं।
गायब हो गए हैं नेता जी की मौत से जुड़े दस्तावेज?
इनमें से कई फाइलें 300 पेज की हैं और उस पर हस्तलिखित नोट हैं। इनमें से अधिकांश फाइलें नेताजी और उनके बड़े भाई शरत चंद्र बोस के बीच हुए व्यक्तिगत पत्र व्यवहार की हैं। फाइलों में कथित रूप से वे तथ्य भी हैं जिससे नेताजी की 1945 में ताइवान में हवाई दुर्घटना में मौत की खबरों पर सवाल उठते हैं।
स्वतंत्र भारत के वास्तविक खलनायकों के चेहरों से उठेगा पर्दा
नेता जी से जुड़े राजों की 64 गोपनीय फाइलों के सार्वजनिक होने से पहले नेता जी के भतीजे चंद्र बोस ने खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि आज स्वतंत्र भारत के वास्तविक खलनायकों के नाम सामने आएंगे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह बोल्ड कदम सबके बस की बात नहीं थी। उन्होंने कहा कि भारत में रहते हुए सुभाष चंद्र बोस के रिश्तेदारों की जासूसी करना शर्म की बात है। चंद्र बोस की मांग है कि जिन अफसरों ने उनके परिवार की जासूसी उनके भी नाम सामने आने चाहिए।
Surveillance was kept on them round the clock by16 officers of intelligence bureau,we want answers today:Chandra Bose pic.twitter.com/zDKsuS61u3
— ANI (@ANI_news) September 18, 2015