पिता ने छह साल की बच्ची को नहर में फेंका, 11 घंटे बाद बची जान
ठाणे में एक छह साल की बच्ची को उसके पिता ने अपने दोस्त के साथ मिलकर बुधवार की रात नदी में फेंक दिया।
ठाणे। कहा जाता है कि जिसको राखे साईयां मार सके ना कोय ये कहावत ठीक इस बच्ची के ऊपर चरितार्थ हो रही है जिसके पिता ने तो मौत दे दी थी लेकिन गनीमत रही कि ऊपरवाले ने इसकी जान बचा ली। दरअसल, एक शख्स अपनी छह साल की बेटी को नए जूते दिलाने के बहाने जिद कर उसे उल्हास नदी के पास ले गया और अपने दोस्त के साथ मिलकर अपनी बेटी को उस नदी में फेंक दिया।
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गनीमत ये रही कि ये बच्ची नदी में एक पेड़ को पकड़ लिया और करीब 11 घंटे तक पकड़ा रहा जब तक उसे बचा नहीं लिया गया। ये घटना बुधवार रात बदलापुर के वालिव्ली पुल की है जिसे अगले दिन यानि गुरूवार को बचाया जा सका।
सुबह करीब छह बजे बदलापुर के रहनेवाले एक सिक्योरिटी गार्ड रमेश भोर जब उस बच्ची को वहां देखा उन्होंने फौरन पुलिस स्टेशन और फायर ब्रिगेड को फोन किया। भोर का कहना है कि फायर ब्रिगेड की गाड़ी तो 15 मिनट के अंदर आ गई लेकिन पुलिस की टीम काफी देर बाद आई। लड़की की पहचान एकता तुलसीराम सैनी के तौर पर हुई है जो कि ठाणे के वार्तक नगर की रहनेवाली है।
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भोर ने बताया कि जब हमने बच्ची से ये पूछा कि नदी में गिरी तो उसने बताया कि उस उसके पिता और पिता के दोस्त ने मिलकर नदी में फेंक दिया। पुलिस ने कहा कि लड़की ने बताया उसे बुधवार की रात आठ बजे नदी में फेंका गया था।