कर चोरी विरोधी लड़ाई पर बैठक में भाग लेने में नाकाम रहा भारत
भारत बुधवार को बर्लिन में आयोजित आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) की एक बैठक में भाग लेने में नाकाम रहा।
नई दिल्ली। भारत बुधवार को बर्लिन में आयोजित आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) की एक बैठक में भाग लेने में नाकाम रहा। उस बैठक में अंतरराष्ट्रीय मानक का पालन करने के लिए कालेधन से जुड़ी प्राप्त सूचनाओं की गोपनीयता बनाए रखने की प्रतिबद्धता संबंधी बहुपक्षीय सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुए।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत बर्लिन में हुई बैठक में भाग नहीं ले पाया, जिसमें बहुपक्षीय सक्षम प्राधिकार एवं पहली सूचना आदान-प्रदान की भावी तारीख के बारे में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुए। भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबद्धता जताई है कि वह प्राप्त सूचनाओं पर अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का अनुपालन करेगी। देर रात गए की खबरों से संकेत मिला है कि भारत उस बैठक में शामिल नहीं हो पाया। हालांकि, अनुपस्थिति का कोई कारण नहीं बताया गया है।
ओईसीडी में 51 देशों ने वित्तीय आंकड़े साझा करने और कर चोरी के खिलाफ कार्रवाई करने के प्रयासों बढ़ावा देने के करार पर हस्ताक्षर किया है। इस पर हस्ताक्षर करने वालों में अधिकतर यूरोपीय संघ के देशों के साथ-साथ लिचेस्टाइन, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड और केमैन द्वीप जैसे कर चोरी को पनाह देने वाले देश शामिल हैं। ओईसीडी ने कहा है कि ये देश 2017 अपने वित्तीय संस्थाओं के माध्यम से एकत्र आंकड़े स्वतः आदान-प्रदान करने लगेंगे।
भारत को यह भी डर है कि यदि खाताधारकों के नाम अनुचित ढंग से सार्वजनिक किए गए तो अमेरिका और स्विटजरलैंड जैसे देशों से कालाधन रखने वालों की जानकारी गोपनीयता भंग करने के की वजह बताकर मिलने में देर हो सकती है।