मोदी के योग दिवस प्रस्ताव को 50 मुल्कों का समर्थन
संयुक्त राष्ट्र के मंच से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील को विश्व बिरादरी का समर्थन बढ़ता जा रहा है। अभी तक अमेरिका, कनाडा, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे मुल्क अपना समर्थन जता चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव को 31 अक्टूबर को सौंपे जाने वाले मसौदा प्रस्ताव पर
नई दिल्ली, प्रणय उपाध्याय। संयुक्त राष्ट्र के मंच से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील को विश्व बिरादरी का समर्थन बढ़ता जा रहा है। अभी तक अमेरिका, कनाडा, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे मुल्क अपना समर्थन जता चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव को 31 अक्टूबर को सौंपे जाने वाले मसौदा प्रस्ताव पर बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों के समेत 50 मुल्क दस्तखत भी कर चुके हैं। बता दें कि भारत ने 21 जून को अंतरराषट्रीय योग दिवस के तौर पर मनाने का प्रस्ताव रखा है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए अपने पहले भाषण में विश्व नेताओं से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए एक तिथि चुनने को कहा था। जलवायु परिवर्तन और नई वैश्रि्वक चुनौतियों से मुकाबले की तैयारियों की चर्चा पर महासभा अधिवेशन में पीएम ने योग को जीवनशैली में बदलाव और चेतना पैदा कर जलवायु परिवर्तन से निपटने में मददगार बताया था। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री के भाषण के बाद भारतीय कूटनीतिक टीम में दुनियाभर में इस मिशन के लिए समर्थन जुटाने के प्रयास तेज कर दिए थे। इन्हीं कोशिशों का नतीजा है कि महज एक महीने में मोदी के सुझाव के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सदस्यों के अलावा कई बड़े मुल्कों ने समर्थन का एलान कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार न्यूयॉर्क स्थित भारत का स्थायी मिशन 31 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भारतीय प्रस्ताव सौंपेगा। दो दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने भारत दौरे पर आए वियतनाम के प्रधानमंत्री नूएन तन जुंग को इस योग दिवस के लिए सह-प्रस्तावक बनने पर धन्यवाद दिया था। भारत की कोशिश है कि इस साल के अंत तक इसे पारित करा लिया जाए। प्रस्ताव भेजने के बाद भारतीय कूटनीतिक खेमे नवंबर से इसके लिए अन्य सदस्य देशों के बीच पेशबंदी और पैरवी की कवायद भी तेज करेगा। इससे पहले भारत की कोशिशों से 2007 में 2 अक्टूबर गांधी जयंती को विश्व अहिंसा दिवस के तौर पर मनाने के प्रस्ताव भी संयुक्त राष्ट्र में पारित हुआ था।
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