मुंबई पुलिस के सुपरकॉप हैं कांस्टेबल उदय पलांडे, 5 वर्षों में पकड़े 225 अपराधी
मुंबई पुलिस के सुपरकॉप कांस्टेबल उदय पलांडे को रविवार को पुरस्कृत किया गया। इसकी वजह है कि उन्होंने अपने दम पर पिछले पांच वर्षों में करीब 225 अपराधियों को पकड़ा है।
मुंबई (मिड-डे)। मुंबई पुलिस के 50 वर्षीय कांस्टेबल उदय पलांडे ने पिछले पांच वर्षों में अकेले दम पर करीब 225 अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है। किसी राज्य पुलिस के कर्मी द्वारा इतनी बड़ी संख्या में अपराधियों को पकड़ने के मामले में पलांडे नंबर वन हैं। यही वजह है कि वह मुंबई पुलिस के सुपरकॉप हैं। वह अपने पुलिस स्टेशन और इस इलाके में एक दबंग पुलसिकर्मी के तौर पर जाने जाते हैं। महाराष्ट्र दिवस के मौके पर इस दंबग पुलिसकर्मी को रविवार को राज्य के डीजीपी की मौजूदगी में मंत्री एकनाथ शिंदे ने पुरस्कृत किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि पलांडे अपने इस रिकार्ड को तोड़कर 300 तक का आंकड़ा भी जरूरी छुऐंगे।
इस मौके पर पलांडे ने बताया कि उनके पिता भारतीय फौज में केप्टन थे। उनका परिवार रत्नागिरी के खेड़ इलाके में रहता है। पलांडे के मुताबिक उनके पिता उन्हें भी आर्मी में एक अधिकारी के तौर पर देखना चाहते थे। उनके लिए उनके पिता ही आदर्श हैं। वह बताते हैं कि उन्होंने हॉबी के तौर पर बॉक्सिंग सीखी और इसकी बदौलत उन्हें मुंबई पुलिस में जगह मिली। 2 अप्रेल 1985 में उन्होंने मुंबई पुलिस ज्वाइन किया। उस वक्त उनकी उम्र महज 18 वर्ष थी।
अपनी इतने वर्षों की सर्विस के दौरान के अनुभव बांंटते हुए उन्होंने कहा कि इस दौरान वह लगभग रोज ही किसी न किसी मामले को लेकर कोर्ट जाते थे। इस दौरान उनकी मुलाकात न सिर्फ अपराधियों से होती बल्कि बड़े वकीलों को पुलिस के अधिकारियों से भी होती थी। वहां उन्हें इस बात का अंदाजा होता था कि कौन सा अपराधी ज्यादा बड़ा हैै या कौन हिस्ट्री शीटर है, जिसको पकड़ना बेहद जरूरी है। यहां से ही वह अपराधी को पकड़ने की कवायद शुरू करते थे। अपनी सर्विस के दौरान वह क्राइम ब्रांच में भी रहे।
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इस दौरान उन्होंने उस वाकये को भी याद किया जब उन्होंने अपनी बदौलत पहला मामलाा सुलझाया था। वह बताते हैं कि मुंबई पुलिस ने एक एक्सीडेंटल डेथ केस को रिजस्टर किया था। लेकिन उन्होंने इस बात को साबित किया कि वह एक्सीडेंट नहीं बल्कि मर्डर था। इस तरह से उन्होंने कई मामलों को सुलझाया। इसमें कई हत्या तो कई डकैती से जुड़े मामले भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि उनके इस काम को पूरी जिम्मेदारी से करने में उनके परिवार का उन्हें पूरा सहयोग मिलता है। यही वजह है कि वह अपने काम को पूरी जिम्मेदारी से कर पाते हैं।