ब्लू-व्हेल के बाद अब सोशल मीडिया पर 48 ऑवर्स चैलेंज गेम का कहर
मजाक का हवाला देकर खेले जाने वाले इस खेल में बच्चों को अचानक अपने घर से 48 घंटे तक गायब रहने का टास्क दिया जाता है। 48 ऑवर्स चैलेंज गेम ने अभिभावकों की नींद उड़ा दी है।
बरेली (जेएनएन)। अभिभावक अभी बच्चों को ब्लू-व्हेल गेम से निजात दिलाने की जुगत में लगे है, लेकिन सोशल मीडिया पर अब नया गेम उनको परेशान कर रहा है। ब्लू-व्हेल गेम के बाद अब सोशल साइट्स पर वायरल 48 ऑवर्स चैलेंज गेम यानी (48 घंटे के खेल की चुनौती) ने अभिभावकों की नींद उड़ा दी है।
मजाक का हवाला देकर खेले जाने वाले इस खेल में बच्चों को अचानक अपने घर से 48 घंटे तक गायब रहने का टास्क दिया जाता है। फेसबुक के जरिये खेले जाने वाले इस खेल की भनक लगते ही इसे बैन करने की आवाज भी उठने लगी है।
रुहेलखंड क्षेत्र में वैसे अभी तक इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है। ऐसा कब तक रहेगा, कह नहीं सकते। कुछ देर से सही, ब्लू व्हेल भी यहां पहुंच गया था। इसी के चलते तमाम अभिभावक परेशान हैं।
यह होता खेल में इस खेल में बच्चे को बगैर बताए अपने घरों से गायब होने को कहा जाता है। इस दौरान वे अपने किसी भी नाते-रिश्तेदार से संपर्क तक नहीं करते हैं। खास बात ये है कि सोशल साइट्स पर जितना अधिक बच्चे के बारे में सर्च किया जाएगा। उसी के मुताबिक उनका स्कोर बढ़ेगा। वह ही विजेता घोषित होगा।
जागरूक कर रहे लोग
सोशल साइट्स पर ये खेल वायरल होने के बाद अभिभावक बच्चों को जागरूक करने और इस पर रोक लगाने का संदेश फैला रहे हैं। डॉ. अमित वर्मा ने फेसबुक पर लिखा-बच्चों सावधान, एक और खुराफाती खेल आ गया है। मिक्की मियां ने फेसबुक पर लिखा-इस खेल पर फौरन बैन लगाया जाए। गूगल समेत सभी सोशल साइट्स पर भी इसे प्रतिबंधित कराया जाए।
'खतरनाक गेम' इंटरनेट के गेम्स से करें आगाह
रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस एंड इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी विभाग में एसोसिएट प्रो. एसएस बेदी कहते हैं पिछले कुछ वर्ष से इंटरनेट पर ऐसे कई खतरनाक गेम्स का चलन बढ़ा है। अभिभावक अपने बच्चों के सोशल साइट्स इस्तेमाल पर नजर रखें। उन्हें बताएं कि वो ऐसे किसी भी गेम्स को न खेलें। बच्चों को इन बुराईयों से परिवार के लोगों को खुद बचाना होगा।
इस दौर में मां-बाप रहें अलर्ट
बरेली कॉलेज में मनोविज्ञान विभाग की एचओडी डॉ. सुविधा शर्मा कहती हैं कि अब अधिकांश बच्चे इंटरनेट का उपयोग करते हैं। उनमें चुनौतियों से लडऩे का जुनून ज्यादा होता है, इसलिए मां-बाप की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों पर नजर रखें। समझाएं कि ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे परिवार को चिंता या संकट हो।
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तीन मासूम लापता, लाल फाटक के पास मिले
बरेली के सुभाषनगर से कल तीन बच्चे अचानक लापता हो गए। कई घंटे बाद जब बच्चे वापस नही लौटे तो परिजनों ने सुभाषनगर थाना में जाकर बताया। पुलिस ने आसपास लोगों से पूछा लेकिन बच्चों का सुराग नहीं लगा। करीब छह घंटे बाद बच्चे लाल फाटक पर किसी शख्स को घूमते मिल गए।
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उसने बच्चों से पूछकर उन्हें घर पहुंचा दिया। 8 वर्षीय रागिनी पुत्री सोमिर पाल कटरा शाहजहांपुर की रहने वाली है। वह अपनी मौसी सीमा पाल, श्याम विहार कालोनी सुभाषनगर के घर भैयादूज पर आयी थी।
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सुबह वह, सीमा पाल के 6 वर्षीय बेटे विकास पाल और 4 वर्षीय प्रियांश के साथ गंदा नाला के पास रहने वाले मामा के घर जाने के लिए निकली लेकिन तीनों मामा के घर नहीं पहुंचे। जिसके बाद परिजनों ने उनकी तलाश की।