100 दिनों में 40 हाथियों की मौत, सामने अाईं दिल दहला देने वाली तस्वीरें
हाथियों के कई झुंड भोजन की तलाश में राज्य के रिहाइशी इलाकों में लगातार हमले कर रहे हैं।
गुवाहाटी, जेएनएन। बीते 100 दिनों के दौरान असम में 40 हाथियों की मौत का मामला सामने आया है। पर्यावरणविदों ने एक ही राज्य में एकसाथ 40 हाथियों की मौत की अप्राकृतिक वजह बतायी गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इन कभी ये हाथी ट्रेन की चपेट में आने से मरे हैं तो कभी खाई में गिरने से इसके अलावा जहरीले पदार्थों का सेवन भी इनकी मौत का कारण बताया जा रहा है।
हाथियों के कई झुंड भोजन की तलाश में राज्य के रिहाइशी इलाकों में लगातार हमले कर रहे हैं। ये हाथी यहां के स्थानीय लोगों के घरों और खेतों को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं। जिसके चलते राज्य के कई इलाकों में इन हाथियों से संघर्ष जैसी स्थिति बन गयी है। वन विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि ये हाथी फसलों को बहुत नुकसान पहुंचा रहे हैं और यह राष्ट्रीय पशु भी नहीं है कि इनकी मौत पर कोई विवाद हो।
हाथियों को नहीं मिलता अन्य जानवरों जैसा संरक्षण
वहीं असम में 100 दिनों के भीतर 40 हाथियों की मौत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सामाजिक संस्था अरण्यक के सचिव विभाव तालुकदार ने बताया कि, राज्य में अन्य जीवों की तरह हाथियों के संरक्षण के प्रति कोई काम नहीं किया जा रहा है।
जंगलों की कटाई के चलते यहां हाथियों के अस्तित्व को खतरा
आंकड़ों की बात करें तो वर्तमान समय में असम में करीब 500 हाथी मौजूद हैं, जिनके लिये राज्य के लगभग 10, 967 वर्ग किमी के वन्य क्षेत्र में संरक्षित किया गया है। पर्यावरणविदों के मुताबिक राज्य में हाथियों के लिए बनाए गए फॉरेस्ट रिजर्व को उचित सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। जंगलों के लगातार काटे जाने के कारण यहां पर हाथियों के जीवन पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है।
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