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4 साल के बच्चे के पेट में मिला भ्रूण, अल्ट्रासोनोग्राफी से पता चला

पश्चिम बंगाल के प. मिदनापुर जिले में चार साल के बच्चे के पेट से मृत भ्रूण निकलने की घटना से सभी हैरान हैं। इस घटना को डॉक्टर भी मेडिकल साइंस की एक दुर्लभतम घटना बता रहे हैं। बताया जा रहा है कि ऐसा केस हर छह लाख में से एक

By Manoj YadavEdited By: Published: Tue, 06 Oct 2015 11:48 AM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2015 02:11 PM (IST)
4 साल के बच्चे के पेट में मिला भ्रूण, अल्ट्रासोनोग्राफी से पता चला

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के प. मिदनापुर जिले में चार साल के बच्चे के पेट से मृत भ्रूण निकलने की घटना से सभी हैरान हैं। इस घटना को डॉक्टर भी मेडिकल साइंस की एक दुर्लभतम घटना बता रहे हैं। बताया जा रहा है कि ऐसा केस हर छह लाख में से एक में पाया जाता है।
बच्चे का इलाज करने वाले डॉ. शीर्षेंदु गिरि के अनुसार, बच्चे को पेट में अत्यधिक दर्द के कारण नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। शुरू में संदेह था कि उसे कोई ट्यूमर हो सकता है, लेकिन अल्ट्रासोनोग्राफी और सीटी स्कैन जैसे परीक्षणों के बाद पता चला कि बच्चे के पेट में मृत भ्रूण था।
गिरि के अनुसार, रविवार की रात ऑपरेशन कर मृत भ्रूण को बच्चे के पेट से निकाल दिया गया। सबसे अनोखी बात यह है कि भ्रूण के हाथ, पैर, नाखून और आंशिक रूप से सिर भी विकसित हो गए थे। बीनपुर थानांतर्गत खरिकाबंद गांव का रहने वाला यह बच्चा अब ठीक है और डॉक्टरों की देखरेख में है।
डॉक्टर के अनुसार, जब गर्भावस्था की शुरूआत में जुड़वां शिशुओं में से एक गर्भनाल के माध्यम से दूसरे में प्रवेश कर जाता है तो दूसरे शिशु के लिए परजीवी की तरह हो जाता है और तब यह स्थिति बनती है। जन्म के बाद यह एक बच्चे के पेट में रह जाता है।
‘शिशु के अंदर शिशु’ (फीटस इन फीटू) जैसी चिकित्सकीय असामान्य स्थिति दुर्लभ होती है और प्रत्येक पांच से छह लाख लोगों में एक में पाई जाती है।

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