डाक्टरों की फटी रह गई आंखे, तीन साल का प्रिंस और पेट से निकला सिक्का, घड़ी व सेल
साढ़े तीन घंटे के ऑपरेशन के बाद प्रिंस के पेट से 31 चुंबक के टुकड़े, एक कलाई घड़ी का बैटरी सेल और एक सिक्का निकाला गया। मंगलवार को अस्पताल के निदेशक डॉ.एसएस बंसल ने बताया कि बच्चे की सफल सर्जरी की गई है।
फरीदाबाद। अक्सर छोटे बच्चे आसपास रखी कोई भी चीज मुंह में डाल लेते हैं, लेकिन मथुरा के तीन साल के प्रिंस को चुंबक खाने का चस्का लग गया था। अक्सर पेट दर्द की शिकायत रहने पर जब इस बच्चे का फरीदाबाद के मेट्रो अस्पताल में ऑपरेशन में किया गया, तो सभी हैरान रह गए। बच्चे के पेट से चुंबक के टुकड़े 31 निकले।
इसके साथ ही धातु की कुछ और चीजें भी निकलीं। साढ़े तीन घंटे के ऑपरेशन के बाद प्रिंस के पेट से 31 चुंबक के टुकड़े, एक कलाई घड़ी का बैटरी सेल और एक सिक्का निकाला गया। मंगलवार को अस्पताल के निदेशक डॉ.एसएस बंसल ने बताया कि बच्चे की सफल सर्जरी की गई है।
मथुरा निवासी टीटू का पुत्र प्रिंस पिछले एक वर्ष से पेट दर्द से परेशान था। दर्द के दौरान अस्पताल में दाखिल हुए प्रिंस की जांच करने से पता चला कि उसके पेट में कोई धातु की वस्तु फंसी हुई है। सर्जरी टीम में वरिष्ठ सर्जन डॉ. बीडी पाठक, डॉ. विक्रांत चौहान, डॉ. अजय वर्मा शामिल थे।
ऑपरेशन के दौरान पता चला के बच्चे की आंत में जगह-जगह चुंबकीय धातु है और जिसकी वजह से उसकी आंतें आपस में चिपक गईं हैं और जगह-जगह से गल गईं हैं। उसकी करीब एक फुट गली हुई आंत को भी काट कर निकालना पड़ा।
वरिष्ठ सर्जन डॉ. बीडी पाठक ने बताया कि इस आपरेशन में तीन घंटे से अधिक समय लगा। इस बच्चे के घर में ज्वेलरी बॉक्स बनाने का कार्य होता है, जिसमें चुंबक का प्रयोग होता है।
यह बच्चा कई महीनों से धीरे-धीरे चुंबक और अन्य चीजें खाता रहा होगा, जोकि आपस में चिपकती चली गईं और आंत को भी गला दिया। इतने छोटे बच्चे के पेट से जटिल आपरेशन कर इतना सारा चुंबक निकालने का एक अनोखा ऑपरेशन पहली बार किया गया है। डॉ. पाठक ने दावा कि यह विश्व का पहला आपरेशन है, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में चुंबक निकाला गया।