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देश से हर साल 30 हजार महिलाओं की होती है तस्करी, इनमें बच्चियां भी हैं शामिल

मानव तस्करी पर किए गए शोधों से यह तथ्य सामने आया है कि महिलाओं और बच्चियों को फुसलाकर उनके घरों से भगाने में उनके पारिवारिक परिचितों एवं रिश्तेदारों की भूमिका सबसे अधिक होती है।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Thu, 27 Jul 2017 11:40 AM (IST)Updated: Thu, 27 Jul 2017 11:40 AM (IST)
देश से हर साल 30 हजार महिलाओं की होती है तस्करी, इनमें बच्चियां भी हैं शामिल
देश से हर साल 30 हजार महिलाओं की होती है तस्करी, इनमें बच्चियां भी हैं शामिल

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। भारत से हर साल करीब 30,000 महिलाओं की तस्करी होती है। इनमें सबसे ज्यादा महिलाएं पश्चिम बंगाल से और उसके बाद मुंबई से तस्करी करके बाहर भेजी जाती हैं। ये आंकड़े मुंबई में आज से शुरू हो रहे दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में सामने आए हैं, जिसमें दुनिया भर में मानव तस्करी की समस्या एवं उसपर काबू पाने का विचार किया जाएगा।

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27 एवं 28 जुलाई को जुहू स्थित जे.डब्ल्यू.मेरियट होटल में हो रहे इस सम्मेलन का आयोजन महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग द्वारा कुछ अन्य संगठनों के साथ मिलकर किया जा रहा है, जिसमें 25 देशों के 100 से अधिक प्रतिनिध भाग लेंगे ।

आयोग की अध्यक्ष विजया राहटकर के अनुसार अकेले मुंबई से करीब 10,000 महिलाएं हर साल तस्करी करके बाहर भेजा जाता है। ये महिलाएं देश के विभिन्न हिस्सों से लाई जाती हैं। मुंबई, पश्चिम बंगाल या असम के रास्ते विदेश भेजी जानेवाली महिलाओं में नेपाल, बंगलादेश, भूटान, म्यांमार से लाई गई महिलाएं एवं 18 वर्ष से कम की बच्चियां भी शामिल होती हैं। घाना जैसे देशों में इनका उपयोग खेतिहर मजदूरों के रूप में एवं अरब देशों में घरेलू नौकरानियों एवं देहव्यापार के लिए किया जाता है।

मानव तस्करी पर किए गए शोधों से यह तथ्य सामने आया है कि महिलाओं और बच्चियों को फुसलाकर उनके घरों से भगाने में उनके पारिवारिक परिचितों एवं रिश्तेदारों की भूमिका सबसे अधिक होती है। नेपाल, भूटान और पश्चिम बंगाल से तस्करी करके लाई जानेवाली लड़कियों और महिलाओं को उत्तरप्रदेश, बिहार एवं झारखंड के रास्ते मुंबई और कोलकाता भेजा जाता है।

केंद्र सरकार द्वारा महिला तस्करी पर रोक लगाने के एजेंडे को अपनी पंचवर्षीय योजना में शामिल करने की तारीफ करते हुए विजय राहटकर कहती हैं कि महिला आयोग लड़कियों को 18 साल से अधिक उम्र होने पर भी उन्हें अनाथालय में रखने की पहल करेगा। साथ ही महिला तस्करी रोकने के लिए नया कानून भी बनाया जाएगा।

विजया राहटकर के अनुसार तस्करी से छुड़ाई गई महिलाओं व लड़कियों के पुनर्वास के उपायों पर भी विचार किया जा रहा है। अतीत में ऐसी कई महिलाओं का पुनर्वास हुआ भी है। ऐसी एक लड़की अब एयर होस्टेस बन चुकी है, तो चेन्नई में एक महिला ग्राम पंचायत सदस्य है। कुछ महिलाएं आज बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी कर रही हैं।

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