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तस्करों के चंगुल से बचाए गए 83 बच्चे

मुंबई पुलिस और एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के साझा प्रयास से बिहार और नेपाल से तस्करी कर लाए गए 83 बच्चे कुर्ला स्टेशन से बचाए गए। ज्यादातर बच्चे बिहार के मोतीहारी, रक्सौल और सीतामढ़ी जिले के हैं, जबकि कुछ बच्चे पड़ोसी देश नेपाल से तस्करी के जरिये लाए गए

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Tue, 16 Dec 2014 07:05 AM (IST)Updated: Tue, 16 Dec 2014 07:12 AM (IST)
तस्करों के चंगुल से बचाए गए 83 बच्चे

सौरभ वकतानिया (मिड-डे), मुंबई। मुंबई पुलिस और एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के साझा प्रयास से बिहार और नेपाल से तस्करी कर लाए गए 83 बच्चे कुर्ला स्टेशन से बचाए गए। ज्यादातर बच्चे बिहार के मोतीहारी, रक्सौल और सीतामढ़ी जिले के हैं, जबकि कुछ बच्चे पड़ोसी देश नेपाल से तस्करी के जरिये लाए गए थे। बच्चों की उम्र छह से 18 वर्ष के बीच है। पुलिस ने 38 एजेंटों को गिरफ्तार किया है, तो कुछ फरार हो गए।

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कुर्ला पुलिस के मुताबिक सूचना मिली थी कि बिहार के रक्सौल से बच्चों को तस्करी के जरिये मुंबई लाया जा रहा है। इसके बाद कुर्ला स्टेशन पर पुलिस की टीमें तैनात की गईं। एक एनजीओ की मदद से 83 बच्चों को बचाया गया। पुलिस ने 38 एजेंटों को गिरफ्तार किया है। कुछ बच्चे और एजेंट भागने में कामयाब हो गए। गरीब परिवार के इन बच्चों को भिवंडी, कुर्ला, मदनपुरा और भायखला में चमड़े का सामान बनाने वाली फैक्ट्रियों और जरी के काम के लिए लाया गया था। पूछताछ में एजेंटों ने बताया कि कुछ बच्चों को उनके मां-बाप ने आर्थिक तंगहाली की वजह से चार से पांच हजार रुपये में बेच दिया था। पुलिस का कहना है कि बच्चों को डोंगरी स्थित बाल गृह भेजा जाएगा। कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें उनके घरों को वापस भेजा जाएगा।

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