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जवाब दाखिल न करने पर केंद्र पर 25 हजार का जुर्माना

सुप्रीमकोर्ट में समय पर जवाब दाखिल न करने पर एक बार फिर सरकार पर जुर्माना हुआ है। सुप्रीमकोर्ट ने देवदासी प्रथा खतम करने की मांग वाली याचिका का जवाब दाखिल न करने पर केंद्र सरकार पर 25 हजार रुपये का जुर्माना किया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2015 08:37 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2015 08:45 PM (IST)
जवाब दाखिल न करने पर केंद्र पर 25 हजार का जुर्माना

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट में समय पर जवाब दाखिल न करने पर एक बार फिर सरकार पर जुर्माना हुआ है। सुप्रीमकोर्ट ने देवदासी प्रथा खतम करने की मांग वाली याचिका का जवाब दाखिल न करने पर केंद्र सरकार पर 25 हजार रुपये का जुर्माना किया है।

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सरकार पर ये जुर्माना सोशल जस्टिस बेंच के न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने लगाया है। बात ये है कि पिछली बार सितंबर को सरकार ने देवदासी प्रथा रोकने के लिए जरूरी उपाय करने और देवदासी प्रथा पूरी तरह से समाप्त करने की मांग वाली जनहित याचिका पर जवाब देने की हामी भरी थी। सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए आखिरी मौका दिया गया था लेकिन इसके बावजूद सरकार की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया गया। कोर्ट ने सरकार के रवैये पर नाराजगी जताते हुए सरकार को 25 हजार रुपये कास्ट जमा करने का आदेश दिया। साथ ही चार सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने साफ किया कि जवाब दाखिल करने के लिए इसके बाद कोई समय नहीं दिया जाएगा। पीठ ने मामले पर सुनवाई के लिए 8 जनवरी की तिथि निश्चित कर दी है।

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गैर सरकारी संस्था एसएल फाउंडेशन ने सुप्रीमकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर कर्नाटक व देश के अन्य हिस्सों में चल रही देवदासी प्रथा बंद करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि कर्नाटक में इसके खिलाफ कानून होने के बावजूद देवदासी प्रथा चल रही है। जबकि देवदासी प्रथा संविधान के खिलाफ है। सुप्रीमकोर्ट ने इस याचिका पर नोटिस जारी कर सरकार से जवाब मांगा था।


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