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लखनऊ की हाईटेक तेल चोरी में पेट्रोल पंपों मालिकों समेत सात मुकदमे, 23 गिरफ्तार

पेट्रोल पंपों में चोरी मामले में लखनऊ में सात मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। पुलिस ने इन सभी मामलों में 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 28 Apr 2017 08:55 PM (IST)Updated: Sat, 29 Apr 2017 09:07 AM (IST)
लखनऊ की हाईटेक तेल चोरी में पेट्रोल पंपों मालिकों समेत सात मुकदमे, 23 गिरफ्तार
लखनऊ की हाईटेक तेल चोरी में पेट्रोल पंपों मालिकों समेत सात मुकदमे, 23 गिरफ्तार

लखनऊ (जेएनएन)।राजधानी लखनऊ के सात पेट्रोल पंपों पर इलेक्ट्रानिक चिप के जरिये तेल चोरी किए जाने के मामले में पुलिस ने चार पेट्रोल पंप मालिकों व नौ पंप प्रबंधकों सहित 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में मशीनों में इलेक्ट्रानिक चिप लगाने वाला बाराबंकी निवासी इलेक्ट्रीशियन राजेंद्र भी शामिल है। अन्य आरोपियों की भी तलाश की जा रही है। पूरे प्रकरण में आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग थानों में सात मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। 

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चार पेट्रोल पंप मालिकों पर भी मुकदमा

एसटीएफ व प्रशासन की संयुक्त टीम ने गुरुवार रात सात पेट्रोल पंपों पर छापा मारकर घटतौली के बड़े गोरखधंधे का राजफाश किया था। एसएसपी एसटीएफ अमित पाठक के मुताबिक, पुलिस ने तेल चोरी के मामले में आरोपी पेट्रोल पंप संचालक हुसैनगंज के पुराना किला निवासी शरद चंद्र वैश्य, हुसैनगंज के सरोजनी नायडू मार्ग निवासी अमन मित्तल व उनके भाई अनूप मित्तल व गोमतीनगर के विरामखंड निवासी आनंद कुमार राय को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा मामले के अन्य आरोपियों मडिय़ांव निवासी राजन अवस्थी, बाराबंकी निवासी  इलेक्ट्रीशियन राजेंद्र, इंदिरानगर निवासी विजेंद्र सिंह भदौरिया, ठाकुरगंज निवासी अशोक कुमार पाल, बख्शी का तालाब निवासी राकेश कुमार, बाराबंकी निवासी दुर्गेश कुमार, मडिय़ांव निवासी प्रेम कुमार ओझा, फैजाबाद के ग्राम पूरेदत्त पांडेय का पुरवा निवासी गोविंद पांडेय, फैजाबाद के ग्राम सफदरबाहरी निवासी डाल कुमार ओझा, हरदोई के ग्राम राउखेड़ा निवासी कमलेश कुमार, बाजारखाला निवासी बबलू मिश्रा, माल एवेन्यू निवासी अर्जुन लाल, चिनहट निवासी अखिलेश दीक्षित, त्रिवेणीनगर निवासी विनोद सिन्हा, तेलीबाग निवासी देवेंद्र सिंह रावत, फैजाबाद के ग्राम रामनगर निवासी मातादीन, सआदतगंज निवासी हसीब अहमद, सीतापुर निवासी चंदन कुमार व डालीगंज निवासी मोहित सिंह यादव को भी गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के कब्जे से 15 इलेक्ट्रानिक चिप व 29 रिमोट बरामद हुए हैं। आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग थानों में क्षेत्रीय रसद अधिकारियों की ओर से आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 व धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस गिरोह से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। 

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एसएसपी एसटीएफ अमित पाठक के मुताबिक सात पेट्रोल पंपों में धांधली में 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। सात थानों में मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। जिन पेट्रोल पंपों में चिप लगाकर तेल चोरी की जा रही थी, वहां हर लीटर पेट्रोल व डीजल में छह से 10 प्रतिशत तक चोरी की बात सामने आई है। गल्ला मंडी स्थित मान फिलिंग स्टेशन में 10 प्रतिशत तेल की चोरी की जा रही थी। पूछताछ में सामने आया कि मान फिलिंग स्टेशन में प्रतिदिन एक लोड यानी 12 हजार लीटर की खपत थी। बड़े पेट्रोल पंपों पर प्रतिदिन अनुमानित एक लोड की खपत होती है। इस हिसाब से बड़े पेट्रोल पंप पर प्रति माह तीन लाख 60 हजार लीटर तेल की खपत हुई। औसतन 10 प्रतिशत तेल की चोरी के हिसाब से बड़े पेट्रोल पंप पर प्रतिदिन 1200 लीटर तेल की चोरी की जा रही थी। वहीं छोटे अथवा कम चलने वाले पेट्रोल पंपों में प्रतिदिन सात से दस हजार लीटर तेल की बिक्री का औसत रहता है।

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आरोपी राजेंद्र के प्रदेश में एक हजार से अधिक पंपों में चिप लगाए जाने की बात को सच माना जाए तो हर माह प्रदेश में करीब 200 करोड़ रुपये का घपला चल रहा था। फिलहाल यह तय है कि करोड़ों रुपये के इस घपले में पेट्रोल पंप संचालकों से लेकर तेल कंपनियां व संबंधित महकमों के अधिकारियों की भूमिका कठघरे में है। 

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दिल्ली व कानपुर से लाता था चिप

आरोपी राजेंद्र ने पुलिस को बताया कि वह दिल्ली व कानपुर से इलेक्ट्रानिक चिप लाता था। उसने अपने सात साथियों के नाम भी पुलिस को बताए हैं। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक तीन को चिह्नित कर लिया गया है, जिनकी तलाश की जा रही है। आरोपी ने कानपुर, सीतापुर, रायबरेली, लखीमपुर, बाराबंकी सहित कई जिलों के पेट्रोल पंपों में चिप लगाने की बात स्वीकार की है।

तीस से चालीस हजार में लगाता था चिप 

राजेंद्र ने बताया कि वह एक मशीन में तीस से चालीस हजार रुपये लेकर इलेक्ट्रानिक चिप व रिमोट सेंसर लगाता था। अलग-अलग मशीन के मॉडल के अनुरूप उसमें इलेक्ट्रानिक चिप लगाई जाती थी। पुलिस के मुताबिक चिप की कीमत पेट्रोल पंप संचालक एक दिन के घपले में ही पूरी कर लेते थे। 

सात साल से था काले कारोबार में लिप्त 

राजेंद्र ने करीब सात साल से इस काले कारोबार में लिप्त होने की बात स्वीकार की है। पुलिस के मुताबिक राजधानी में यह खेल करीब तीन सालों से चल रहा था। इस दिशा में और गहनता से जांच की जा रही है। इस तरह के अन्य गिरोह भी सक्रिय हैं।


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