जबलपुर आयुध फैक्ट्री में बमों का 22 साल पुराना स्टॉक हुआ खाक
रविवार को फैक्टरी में अवकाश रहा। आयुध फैक्ट्री की क्षतिग्रस्त बिल्डिंग के आसपास 20 से 50 मीटर के दायरे में बम फटने के बाद उसका मलवा फैला हुआ था।
नईदुनिया, जबलपुर : जबलपुर के खमरिया स्थित आयुध फैक्ट्री में शनिवार की शाम हुए धमाके और आग लगने की वजह 22 साल पुराने बमों का गर्म होकर फट जाना है। इस मामले में फैक्ट्री प्रबंधन की लापरवाही भी सामने आई है क्योंकि इन बमों में क्वालिटी डिफेक्ट पाए जाने के बाद सेना ने रिजेक्ट कर दिया था। इसके बावजूद प्रबंधन ने इन बमों के स्टॉक को नष्ट करने के लिए कई साल से ठोस कदम नहीं उठाए। घटना की जांच के लिए सोमवार को पुणे से विशेषज्ञों की टीम आने की संभावना है।
रविवार को फैक्टरी में अवकाश रहा। आयुध फैक्ट्री की क्षतिग्रस्त बिल्डिंग के आसपास 20 से 50 मीटर के दायरे में बम फटने के बाद उसका मलवा फैला हुआ था। इनके बीच कुछ बम ऐसे भी हैं, जो फट ही नहीं पाए। इनमें भी विस्फोट की आशंका है। इसलिए रात को ही घटनास्थल को पूरी तरह सील कर दिया गया।
सुबह फिर भड़की आग
रविवार सुबह छह बजे फैक्ट्री के जीएम अपने अधीनस्थ अफसरों के साथ दुर्घटनास्थल पर पहुंचे तो वहां आसपास झाडि़यों में लगी आग धीरे-धीरे बिल्डिंग नं. 324 की ओर बढ़ रही थी। तुरंत फायर ब्रिगेड को अलर्ट किया गया और दमकल कर्मियों ने आग को बुझा दिया। आग बढ़ती तो एक बार फिर धमाके होने के आसार बन जाते।