दक्षिण और तटीय राज्यों में जीत के लिए इस प्लान पर काम कर रहे हैं शाह
पांच राज्यों में आए चुनाव नतीजों के बाद भाजपा दक्षिणी और तटीय राज्यों में खुद को मजबूत करने के लिए काम कर रही है। भाजपा को उम्मीद है कि आगामी लोकसभा चुनाव में उसे इन राज्यों में ज्यादा से ज्यादा सीटें मिलेंगी।
नई दिल्ली। साल 2019 में होने वाले आम चुनाव में भाजपा को तटीय और दक्षिणी राज्यों की 205 सीटों में से 100 सीटें जीतने की उम्मीद है। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद भाजपा इन राज्यों में अपना जनाधार बढ़ाने के लिए कोरोमंडल प्लान पर काम कर रही है।
केंद्र में भाजपा की सरकार बने के बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर-पूर्वी राज्यों के अलावा तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और करेल के तटवर्ती इलाकों में पार्टी की उपस्थिति बढ़ाने के लिए 2014 में एक प्लान बनाया था।
हाल ही में हुए चुनावों में भाजपा ने पहली बार असम में अपनी सरकार बनाई है। जबकि पश्चिम बंगाल और केरल में उसका प्रदर्शन काफी सुधरा है। इसके अलावा, पार्टी नेताओं का कहना है कि इन राज्यों में सदस्यता अभियान काफी मजबूत हुआ है। केरल और लक्षद्वीप में साल 2014 में साढ़े चार लाख के मुकाबले अप्रैल 2015 में 14 लाख से ज्यादा सदस्य हो गए हैं। जबकि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में पार्टी सदस्यों की संख्या करीब साढ़े 6 लाख से बढ़कर 36 लाख से ज्यादा हो गई है।
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भाजपा उपाध्यक्ष और सदस्यता अभियान के प्रभारी रहे विनय सहस्रबुद्धे ने बताया कि "कोरोमंडल तटीय राज्यों में जोर अमित शाह के दिमाग की ही उपज थी। यहां तक कि प्लान को नाम भी उन्होंने ही दिया था।" वो आगे कहते हैं "अमित शाह का मकसद पार्टी का नए इलाकों में विस्तार करना था। जिसका फायदा आगामी चुनाव में मिले।"
इसका मुख्य कारण यही है कि विंध्य के उत्तर में पार्टी को विस्तार की इतनी गुंजाइश नहीं थी। जबकि गुजरात, राजस्थान और एमपी में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतना मुश्किल हो सकता है। हालांकि केरल और पश्चिम बंगाल में एक विकल्प के तौर पर उभरने से पार्टी खुश है।
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