कर्नाटक में 20 फीसद से अधिक सरकारी बाबू भ्रष्टाचार में लिप्तः लोकायुक्त
भ्रष्टाचार विरोधी निगरानी दल ने फेडरेशन ऑफ कर्नाटक चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज में प्रमुख उद्योगपतियों की सभा को संबोधित कर एक ब्रेकअप दिया, जिसमें कुछ ब्यूरोक्रेट्स भ्रष्टाचार में डिग्री हासिल कर रखे है।
नई दिल्ली(जेएनएन)। कर्नाटक में सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों की एक लंबी फेहरिस्त है। यहां पर 15 से 20 फीसद सरकारी बाबू भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। इस बात की जानकारी लोकायुक्त पी विश्वनाथ शेट्टी ने दी है और कहा कि सिस्टम को साफ करने के लिए इन्हें बाहर का रास्ता दिखाना जरुरी है।
भ्रष्टाचार विरोधी निगरानी दल ने फेडरेशन ऑफ कर्नाटक चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज में प्रमुख उद्योगपतियों की सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यहां कुछ ब्यूरोक्रेट्स भ्रष्टाचार में डिग्री हासिल कर रखे है।
न्यायमूर्ति शेट्टी ने कहा कि लगभग 10 से 15 फीसद नौकरशाह बहुत ईमानदार हैं। अगर आप उन्हें 10,000 करोड़ रुपये भी रिश्वत देते हैं तो भी वो लालच नहीं दिखाते हैं। वहीं 10 से 15 फीसद ऑफिसर ऐसे हैं जो जरुरत-आधारित भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उन्हें कई बार अालाकमान की तरफ से रिश्वत लेने का दवाब भी होता है।
शेट्टी ने कहा कि राज्य में 40 से 50 फीसद सरकारी अधिकारी अपने सिद्धांतों को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं। उन्हें प्रेरित करने की जरुरत है। क्योंकि वो भ्रष्ट नहीं और बनने का कोई इरादा भी नहीं है। उन्होंने कहा कि अब स्थितियां बदल गई है और लोगों की तरफ से भ्रष्टाचार की शिकायतें आ रही हैं। मुझे इसके लिए टीवी कैमरों पर जाने की जरूरत नहीं है। जनता को अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा। जब तक लोग अपना काम कराने के लिए सरकारी बाबुओं को रिश्वत देगें तब तक भ्रष्टाचार को खत्म नहीं किया जा सकता है।
शेट्टी ने बताया कि लोकायुक्त अदालतों में 6,500 से अधिक मामले सामने आए हैं और संगठन को उसे जल्द से जल्द निपटाना है। इसके लिए अधिक कर्मचारियों की जरुरत है। मैंने सरकार से खाली पड़े पदों को जल्द से जल्द भरने की बात की है। हमे कम से कम 9 और जांच अधिकारियों की जरुरत है।'
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