Move to Jagran APP

1996 के दलबदल विरोधी कानून के फैसले पर पुनर्विचार नहीं

दलबदल विरोधी कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट का 1996 का ऐतिहासिक फैसला कायम रहेगा।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Thu, 04 Aug 2016 06:32 AM (IST)Updated: Thu, 04 Aug 2016 06:37 AM (IST)
1996 के दलबदल विरोधी कानून के फैसले पर पुनर्विचार नहीं

नई दिल्ली। दलबदल विरोधी कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट का 1996 का ऐतिहासिक फैसला कायम रहेगा। कोर्ट ने बुधवार को इस फैसले पर पुनर्विचार करने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने 1996 में फैसला दिया था कि किसी भी राजनीतिक पार्टी से मनोनीत या निवार्चित सांसद या विधायक पार्टी से निलंबन के बाद भी व्हिप को मानने के लिए बाध्य है।

loksabha election banner

जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने उत्तर प्रदेश के राजनेता अमर सिंह, बॉलीवुड से राजनीति में आईं जया प्रदा और बीजद से निष्कासित प्यारीमोहन महापात्र की याचिकाओं का निपटारा कर दिया। अमर सिंह राज्यसभा और जया प्रदा लोकसभा सदस्य थीं तब फरवरी 2010 में समाजवादी पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता सांसदों ने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है।

इसलिए इस सवाल का जवाब देना उचित नहीं होगा। कोर्ट ने कहा, "हालांकि हमने इस मामले में लंबी सुनवाई की लेकिन हम सवाल का जवाब नहीं दे रहे।" पीठ में जस्टिस पीसी पंत और जस्टिस अरुण मिश्रा भी शामिल थे।
कोर्ट को यह तय करना था कि पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने पर क्या सांसद/विधायक को कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।

याचिकाकर्ताओं ने अयोग्य घोषित होने के भय से यह पूछा था क्या उन्हें पार्टी व्हिप से छूट है। 1996 के फैसले में कहा गया था कि संविधान की 10वीं अनुसूची असंबद्ध सांसदों/विधायकों को मान्यता नहीं देती। कोर्ट ने फैसले में कहा था कि निष्कासित सांसद/विधायक उस पार्टी का हिस्सा होता है जिसके टिकट पर वह चुनकर आता है। अमर सिंह अब सपा में लौट आए हैं और पार्टी ने उन्हें राज्यसभा में भेजा है।

इसे पढ़कर जानिए, GST से क्या सस्ता होगा और क्या महंगा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.