मसूरी में है 189 साल पुराना कुआं, आज भी बुझा रहा लोगों की प्यास
पहाड़ों की रानी मसूरी में अंग्रेजों द्वारा बनाया गया कुआं आज भी है। यह कुंआ 189 साल बाद भी यहां के लोगों की प्यास बुझा रहा है।
मसूरी, [सूरत सिंह रावत]: अंग्रेजों ने न सिर्फ पहाड़ों की रानी मसूरी को बसाया, बल्कि यहां अनेक योजनाएं स्थापित करने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अंग्रेजों का मसूरी के पश्चिम में स्थित पार्क एस्टेट हाथीपांव में बनाया एक कुआं तो आज 189 साल भी यहां के लोगों की प्यास बुझा रहा है।
इतिहासकार गोपाल भारद्वाज बताते हैं कि समुद्रतल से लगभग सात हजार फीट की ऊंचाई पर हाथीपांव में अंग्रेज जनरल विश ने वर्ष 1827 में कुएं का निर्माण करवाया था। इस कुएं का इस्तेमाल भारत के प्रथम सर्वेयर जनरल सर जॉर्ज एवरेस्ट ने भी किया था।
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वर्तमान समय में इस कुएं में जल का स्तर हालांकि काफी कम हो गया है, बावजूद इसके 189 साल बाद भी यह क्षेत्र के लोगों की प्यास बुझा रहा है। वर्तमान में इस कुएं को विशिंग वैल के नाम से जाना जाता है।
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बता दें कि मसूरी को सड़क मार्ग से जोड़ने के साथ ही यहां एकमात्र जल-विद्युत गृह की स्थापना, पेयजल योजना का निर्माण, सर्वे ऑब्जरवेटरी का निर्माण, पहले सीवर सिस्टम का निर्माण जैसे कार्य भी अंग्रेजी शासनकाल में ही हुए थे, लेकिन अफसोस आज का प्रशासन इन व्यवस्थाओं को संभाल पाने में भी सक्षम नहीं है।
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