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दो अक्टूबर से मानव मल से मुक्त होंगे 175 किमी रेल ट्रैक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान का रेलवे पर असर होता दिखने लगा है। रेलवे के 175 किलोमीटर के ट्रैक पर आगामी दो अक्टूबर यानी गांधी जयंती से मानव मल दिखाई नहीं देगा। दरअसल स्वच्छ भारत अभियान के एक साल पूरा होने के मौके पर रेलवे के दो रूटों

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2015 07:56 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2015 09:51 PM (IST)
दो अक्टूबर से मानव मल से मुक्त होंगे 175 किमी रेल ट्रैक

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान का रेलवे पर असर होता दिखने लगा है। रेलवे के 175 किलोमीटर के ट्रैक पर आगामी दो अक्टूबर यानी गांधी जयंती से मानव मल दिखाई नहीं देगा। दरअसल स्वच्छ भारत अभियान के एक साल पूरा होने के मौके पर रेलवे के दो रूटों पर चलने वाली ट्रेनों में जैव शौचालय लगाए जाएंगे।

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रेलवे ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में 367 किलोमीटर लंबे ट्रैक को ट्रेनों के शौचालयों से निकलने वाले मानव मल से मुक्त कराने की पहल शुरू की थी। उसमें 175 किलोमीटर का मार्ग दो अक्टूबर से मलमुक्त हो जाएगा।

इस प्रयास में शामिल रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 141 किलोमीटर लंबे कानालुस-द्वारका-ओखा और 34 किलोमीटर के पोरबंदर-वंसजालय खंड दो अक्टूबर से 'शून्य शौच मलत्याग' मार्ग बन जाएंगे। वहीं जम्मू-कटड़ा रेलखंड (54 किमी) तथा रामेश्वरम एवं मनम्मादुरै स्टेशनों के बीच 114 किलोमीटर मार्ग पर चलने वाली ट्रेनों में अगले साल मार्च तक जैव शौचालय स्थापित किए जाएंगे।

अधिकारी ने कहा कि पहचान किए गए 367 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर चलने वाली करीब 40 ट्रेनों में प्रत्येक में इस वित्त वर्ष के अंत तक जैव शौचालय लगा दिए जाएंगे। एक कोच में चार जैव शौचालय लगाने पर तीन लाख रुपये का खर्च आता है। लगभग 6000 कोच इस सुविधा से पूरी तरह से लैस हो चुके हैं। फिलहाल, देशभर के 65 हजार किलोमीटर लंबे मार्ग पर तकरीबन 11 हजार यात्री ट्रेनें दौड़ती हैं।

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