सरकार का सख्त कदम, देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त 12 सरकारी कर्मचारी निष्कासित
जम्मू-कश्मीर सरकार ने 12 सरकारी मुलाजिमों को नौकरी से निष्कासित कर दिया है। कर्मचारियों पर प्रदर्शनों में हिस्सा लेने का आरोप है।
श्रीनगर, (जागरण संवाददाता)। जम्मू कश्मीर सरकार ने पत्थरबाजों के साथ-साथ देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त सरकारी कर्मचारियों पर शिकंजा कसते हुए गुरुवार को 12 मुलाजिमों को नौकरी से निष्कासित कर दिया। निष्कासित किए गए कर्मचारियों में शिक्षा, स्वास्थ्य, खाद्य व आपूर्ति तथा पेयजल विभाग के कर्मी शामिल हैं। आने वाले दिनों में हिंसक प्रदर्शनों में भाग लेने वाले अन्य सरकारी कर्मचारियों पर भी गाज गिर सकती है।
आठ जुलाई को हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद से वादी में देश विरोधी प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। इन प्रदर्शनों में सरकारी कर्मचारियों के भी हिस्सा लेने की मिल रही सूचना के बाद सरकार ने कई बार इन मुलाजिमों को बाज आने की चेतावनी दी थी। इसके बावजूद कर्मचारियों ने देश विरोधी गतिविधियां जारी रखीं। सरकार के निर्देश पर पुलिस ने छानबीन कर प्रदर्शनों में संलिप्त कर्मचारियों की सूची तैयार कर मुख्य सचिव को सौंपी। इसी सूची के आधार पर 12 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निष्कासित कर दिया गया है।
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निष्कासित कर्मचारियों को बहाल करो वरना आंदोलन
सरकारी कर्मचारियों के संगठन इंप्लाइज ज्वाइंट एक्शन कमेटी (इजेक) ने 12 कर्मचारियों को निष्कासित करने की कड़ी आलोचना करते हुए इसे सरकारी दहशतगर्दी करार दिया। संगठन ने सरकार को चेताया कि यदि निष्कासित कर्मचारियों को फौरन बहाल नहीं किया गया तो सरकार के खिलाफ जोरदार आंदोलन होगा। संगठन के अध्यक्ष अब्दुल कयूम वानी ने कहा कि जल्द इस सिलसिले में एक आपातकालीन बैठक बुलाकर आगे की रणनीति तय की जाएगी।
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