टकराव टालने की कोशिश में उलझा एएमयू, छात्रों का विरोध मार्च
लखनऊ। एक दिसंबर को राजा महेंद्र प्रताप की जयंती मनाने के मसले पर भाजपा से टकराव टालने के फेर में अली
लखनऊ। एक दिसंबर को राजा महेंद्र प्रताप की जयंती मनाने के मसले पर भाजपा से टकराव टालने के फेर में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) खुद बुरी तरह उलझ गई है। कल जयंती मनाने से इन्कार करने वाले कुलपति जमीर उद्दीन शाह ने आज एएमयू में राजा के नाम पर सेमिनार कराने की घोषणा कर दी। इसका भाजपा तो स्वागत कर रही है, लेकिन एएमयू टीचर्स एसोसिएशन (अमुटा) हैरान है। अमुटा सचिव प्रो. आफताब आलम ने सवाल उठाया है कि एएमयू को हजारों लोगों ने दान किया है, क्या वीसी सभी दानदाताओं पर सेमिनार कराएंगे। वहीं, एएमयू स्टुडेंट यूनियन ने दो-टूक कहा कि एएमयू में सर सैयद-डे के अलावा किसी और की जयंती नहीं मनेगी। यूनियन ने वीसी के फैसले की निंदा भी की। इससे पूर्व, हजारों छात्रों ने कैंपस में जोरदार विरोध-प्रदर्शन कर भाजपा-आरएसएस विरोधी नारे लगाए। भाजपा अभी एएमयू के गेट पर जयंती मनाने को लेकर मंथन कर रही है। सांसद सतीश गौतम का कहना है कि भाजपा माहौल नहीं बिगड़ने देगी।
एएमयू वीसी ने गुरुवार को आयोजकों में विवाद होने का हवाला देकर जयंती समारोह को रद कर दिया था। इससे भड़के भाजपा जिलाध्यक्ष चौ. देवराज सिंह ने एलान किया था कि चाहे कुछ हो जाए, एएमयू को 1.2 हेक्टेयर जमीन देने वाले राजा महेंद्र प्रताप सिंह की जयंती एएमयू गेट पर ही मनाएंगे। इससे प्रशासन में खलबली मच गई थी। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद छात्र संघ की अगुवाई में एएमयू में सियासी दखलंदाजी को लेकर जबर्दस्त विरोध-प्रदर्शन किया।
छात्र संघ अध्यक्ष अब्दुल्ला अज्जाम ने कहा, 'एएमयू में सर सैयद के अलावा किसी का जन्मदिन कैंपस में नहीं मनने देंगे। फासीवादी ताकतों का मकसद सांप्रदायिक तनाव पैदा करके सियासी लाभ उठाना है। हम उन्हें कामयाब नहीं होने देंगे। शाम को मामले में नाटकीय मोड़ तब आया, जब वीसी ने एक टीवी न्यूज चैनल पर राजा के नाम पर एएमयू में सेमिनार कराने की घोषणा कर दी। इसकी मुखालफत भी शुरू हो गई है।